पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में ले जाएगा। पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, वहां के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि वह कश्मीर मुद्दे को आईसीजे में उठाएंगे। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर मामले को लेकर पाकिस्तान को सिर्फ चीन का समर्थन मिला।
कुरैशी ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल के साथ बातचीत में कहा, 'हमने कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में ले जाने का फैसला किया है। आईसीजे में जाने का फैसला सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद लिया गया है।'
बैठक के लिए पाक ने यूएन को लिखा था पत्र, चीन ने समर्थन किया
इससे पहले पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएन को पत्र लिखकर भारत के कश्मीर को लेकर लिए गए निर्णय पर तत्काल एक सत्र बुलाने का अनुरोध किया था। चीन ने पाक का साथ देते हुए इस मामले पर गुप्त बैठक की बात कही थी। गुप्त बैठक में चीन समेत सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्य और 10 अस्थायी सदस्य शामिल हुए।
यूएन रिकॉर्ड्स के मुताबिक, सुरक्षा परिषद ने पिछली बार जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर 1965 में चर्चा की थी। 16 जनवरी 1965 के एक पत्र में यूएन में पाक के प्रतिनिधि ने कश्मीर पर तत्काल बैठक बुलाने के लिए कहा था। इसमें भी कश्मीर के विशेष दर्जे को लेकर ही शिकायत की गई थी।
भारत के कदम को संवैधानिक बता चुका है रूस
चीन की यात्रा से लौटने के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा था कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने यूएनएससी में पूरा समर्थन देने का भरोसा दिया था। दूसरी तरफ परिषद के एक और स्थायी सदस्य रूस ने भारत के कदम को संवैधानिक बताया था। उसने कहा था कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और इसी तरह से सुलझाया जाना चाहिए। संयुक्त अरब अमीरात, यूके समेत लगभग कई देशों ने भी इसे भारत का आंतरिक मामला कहा था।
किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा का उल्लंघन नहीं किया: भारत
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे को सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की लगातार कोशिश करता रहा है और वह इस मामले में विश्व समुदाय को शामिल करने का प्रयास करता रहा है। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत के अनुच्छेद 370 हटाने के कदम से न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय शांति को खतरा उत्पन्न हुआ है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया था कि यह उसका आंतरिक मामला है और उसने किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं का उल्लंघन नहीं किया है।