पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली ने मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल तीन साल बढ़ाने वाला विधेयक पारित कर दिया। सेना प्रमुख बाजवा पीएम इमरान खान के करीबी माने जाते हैं और उनके रिटायरमेंट को लेकर पिछले साल अगस्त से ही विवाद चल रहा है।
अब ये विधेयक ऊपरी सदन सीनेट में पेश किया जाएगा। वहां से पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही यह कानून बन जाएगा। इससे सरकार सेना प्रमुख जनरल बाजवा को अगले तीन साल के लिए फिर से नियुक्त कर सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी थी रोक
बाजवा का तीन साल का मूल कार्यकाल पिछले साल 29 नवंबर को खत्म होना था। पीएम इमरान खान ने पिछले साल 19 अगस्त को एक अधिसूचना जारी कर बाजवा की सेवा अवधि तीन साल बढ़ा दी थी, लेकिन 28 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के आदेश को यह कहते हुये निलंबित कर दिया कि सेना प्रमुख के कार्यकाल को विस्तार देने के लिए कोई कानून नहीं है। कोर्ट ने बाजवा की सेवा अवधि 6 महीने बढ़ाने को मंजूरी दे दी थी। हालाकि कोर्ट ने कहा था कि इन छह महीनों में संसद सैन्य प्रमुख के सेवा विस्तार और इससे जुड़े अन्य मामलों पर स्पष्ट कानून बनाए।
दाखिल की थी पुनर्विचार याचिका
इस मामले में पिछले दिनों पाकिस्तान सरकार ने बाजवा का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। साथ ही सरकार ने कोर्ट से अपील की है कि एक बड़ी पीठ मामले की सुनवाई करे। सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि इस फैसले में बेहद अहम संवैधानिक और कानूनी पहलुओं की अनदेखी की गई है। सुप्रीम कोर्ट पूर्व में एडहॉक और अतिरिक्त जजों के सेवा विस्तार को भी मंजूरी देता रहा है। कोर्ट ने सैन्य प्रमुख के सेवा विस्तार मामले में जजों के सेवा विस्तार की नजीर को भी नहीं देखा।