अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट समूह के सहयोगी ने काबुल में सोमवार के रॉकेट हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसने अफगानिस्तान की राजधानी में हवाई अड्डे पर कम से कम छह रॉकेट दागे। रॉकेट काबुल हवाईअड्डे के पास किए गए। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार आईएस के नशेन न्यूज ने अपने टेलीग्राम चैनल पर इस हमले में अपना हाथ होना स्वीकार किया। आतंकी संगठन ने कहा कि अभी तक जो भी हुआ, उसी ने किया है। अफगानिस्तान में "इस्लामिक स्टेट" से जुड़े संगठन ने भी कहा कि हमले में कुछ लोग घायल हुए हैं, लेकिन हवाईअड्डे की परिधि के बाहर होने के कारण निकासी कार्य निर्बाध रूप से जारी रहा।
अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट में सोमवार सुबह कई रॉकेट् दागे गए। यह जानकारी न्यूज एजेंसी रायटर ने ट्वीट कर दी। लेकिन अमेरिका ने एक मिसाइल सिस्टम ने इंटरसेप्ट कर उन्हें मार गिराया। अमेरिकी सेना ने कहा कि पांच रॉकेटों ने सोमवार सुबह हवाई अड्डे को निशाना बनाया और हवाई क्षेत्र में अमेरिकी सेना ने उन्हें रोकने के लिए एक रक्षात्मक प्रणाली का इस्तेमाल किया। इस हमले में 6 अफगान बच्चों समेत 10 नागरिकों की भी मौत की हो गई।
इससे पहले कल रविवार को अमेरिकी की तरफ से हमला किया गया था। यानी दोनों तरफ से हवा में वार-पलटवार हो रहा है। अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी भी धमाकों के बीच हो रही है। काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमले के बाद से हालात बेहद गंभीर हैं। अपने सैनिकों की शहादत का बदला लेने के लिए अमेरिका लगातार हवाई हमले कर रहा है। सोमवार सुबह एक बड़ा पलटवार भी हुआ और हालात ऐसे नजर आए जैसे इजरायल-फिलस्तीन के बीच कुछ समय पहले देखने को मिले थे, जहां आसमान में रॉकेट की बारिश सी हो रही थी।
बता दें कि 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना को काबुल छोड़ना है और उससे पहले काबुल एयरपोर्ट और आसपास के इलाके को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट के बाहर आतंकी धमाकों में करीब 200 लोगों की मौत हो गई थी, मरने वालों में 13 अमेरिकी सैनिक भी शामिल थे। सैनिकों की मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा था कि अमेरिका इन मौतों को नहीं भूलेगा और इसका बदला लेगा।