संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को सौंपी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि म्यांमार में अभी भी रोंहिग्या मुसलमानों का नरसंहार हो रहा है और वहां की सरकार लगातार यह दिखा रही है कि वहां पूरी तरह से कार्यशील लोकतंत्र को स्थापित करने में उसकी कोई रुचि नहीं है। इसके साथ ही रिपोर्ट में इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के पास भेजे जाने की मांग की गई है।
पीटीआई के मुताबिक, म्यांमार को लेकर बने संयुक्त राष्ट्र के तथ्यान्वेषी मिशन के अध्यक्ष मार्जुकी दारूसमन ने कहा कि हजारों रोंहिग्या मुसलमान अब भी बांग्लादेश की तरफ पलायन कर रहे हैं और बौद्ध बहुल देश में पिछले साल के क्रूर सैन्य अभियान के बाद वहां बचे करीब ढाई से चार लाख लोगों को सबसे गंभीर प्रतिबंधों और दमन का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘‘वहां अब भी नरसंहार जारी है।’’ दारूसमन ने जांजचकर्ताओं की टीम की 444 पृष्ठ वाली रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पेश किया।
म्यांमार में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष जांचकर्ता यांगी ली ने कहा कि उन्होंने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई अन्य लोगों ने उम्मीद की थी कि आंग सान सू ची के शासन में वहां की स्थिति पहले से काफी अलग होगी, लेकिन वास्तव में यह बहुत अलग नहीं है।