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श्रीलंका को भारत की ओर से मिल रही मानवीय सहायता, उच्चायुक्त गोपाल बागले ने कही ये बड़ी बात

आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका को भारत की ओर से मानवीय सहायता मिल रही है। श्रीलंका में भारत के...
श्रीलंका को भारत की ओर से मिल रही मानवीय सहायता, उच्चायुक्त गोपाल बागले ने कही ये बड़ी बात

आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका को भारत की ओर से मानवीय सहायता मिल रही है। श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त गोपाल बागले ने इस बात की जानकारी देते हुए दोनों देशों को समुद्री पड़ोसी देश बताया। उन्होंने बताया कि श्रीलंका की मानवीय सहायता के लिए भारत आगे आया है। वहीं, श्रीलंका में आर्थिक तंगी के कारण पैदा हुए संकट के बीच वहां भारतीय सेना की तैनाती को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर भी उच्चायुक्त गोपाल बागले ने विराम लगा दिया है। उन्होंने इन अटकलों का सिरे से खंडन किया है और ऐसी अफवाहों को निराधार बताया है।

गोपाल बागले ने शुक्रवार को कहा कि श्रीलंका में भारतीय सेना की तैनाती को लेकर अफवाह 1 अप्रैल से ही चल रही है। आयोग ने पहले भी इस दावे को खारिज किया है। ऐसे दावों को निराधार करार देते हुए उन्‍होंने कहा कि अब ऐसी अफवाहें नहीं फैलाई जानी चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा कि संकट की घड़ी में भारत 'पड़ोसी प्रथम' की नीति पर चलते हुए श्रीलंका की मदद के लिए तैयार है।

श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले ने शुक्रवार को श्रीलंका की मानवीय सहायता में भारत के आगे आने की बात कही। उन्होंने दोनों देशों को समुद्री पड़ोसी देश बताया। उच्चायुक्त वागले ने कहा, ' श्रीलंका की मानवीय सहायता के लिए भारत आगे आया है।'

बागले ने कहा, श्रीलंका भारत का निकटतम समुद्री पड़ोसी है। श्रीलंका के साथ हमारे संबंध तीन कारकों पर निर्भर हैं: वसुधैव कुटुम्बकम, डॉक्टर ऑफ सागर और नेगबोरहुड फर्स्ट। भारत ने कोविड के दौरान भी श्रीलंका को मदद पहुंचाई थी और दवा तथा अन्य आवश्यक चीजें मुहैया कराई थी। मौजूदा संकट के वक्‍त में भी भारत, श्रीलंका की मदद के लिए आगे आया है। श्रीलंका में कोविड के बाद आर्थिक सुधार के लिए भारत यहां की सरकार के संपर्क में बना हुआ है।

भारत-श्रीलंका के बीच घनिष्ठ संबंधों की बात करते हुए उन्‍होंने कहा कि भारत में जब कोविड का कहर हुआ था तो श्रीलंका में प्रार्थना की गई, ताकि भारत इससे उबर सके और जब श्रीलंका इससे पीड़‍ित हुआ तो भारत ने प्रार्थनाओं के साथ-साथ इससे उबरने के लिए जरूरी दवाओं और अन्‍य चिकित्‍सकीय सामग्री के साथ श्रीलंका की मदद की।

उन्‍होंने कहा कि भारत ने श्रीलंका को मदद के तौर पर चावल की एक खेप भेजी है तो 18.5 हजार करोड़ रुपये की सहायता भी प्रदान की है। श्रीलंका में बुनियादी ढांचा परियोजना में भी भारत निवेश करेगा।

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