कोरोना वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच की तनातनी बढ़ती जा रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले यात्री विमानों पर बैन लगा दिया है। यह रोक 16 जून से लागू होगी। अमेरिका के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने बुधवार को इसकी घोषणा की। पिछले दिनों कई तरह के आर्थिक रिश्ते चीन से अमेरिका ने तोड़ लिए थे।
अमेरिका ये कदम तब उठाया है जब दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच फ्लाइट्स को लेकर मौजूदा समझौते का पालन करने में चीन नाकाम रहा।
कोरोना वायरस को लेकर बना है टकराव
कोरोना वायरस महामारी को लेकर ट्रंप लगातार चीन पर निशाना साधे हुए हैं। कई मौके पर कोरोना वायरस को उन्होंने 'चाइनीज वायरस' कह कर संबोधित किया। वे ये आरोप लगा चुके हैं कि चीन ने दुनिया को इस वायरस के बारे में बताने में देरी की और उसका रवैया ठीक नहीं रहा। इससे राष्ट्रपति ट्रंप चीन पर डब्ल्यूएचओ को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी नाता तोड़ चुके हैं। उनके डब्ल्यूएचओ में चीन चार करोड़ डॉलर तो अमेरिका 45 करोड़ डॉलर का योगदान देता है, बावजूद इसके अमेरिका के अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
छात्रों और शोधकर्ताओं पर लगा चुके हैं बैन
राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका में चीनी छात्रों और शोधकर्ताओं के प्रवेश पर भी बैन लगा चुके हैं। उन्होंने चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबंध रखने वाले छात्रों और शोधकर्ताओं को देश में आने और किसी भी तरह की शिक्षा ग्रहण करने से रोक लगा दी। उनका कहना है कि अमेरिका से बौद्धिक संपदा और प्रौद्योगिकी हासिल करने के लिए चीन की पीएलए स्नातक छात्रों का इस्तेमाल कर रही थी। इसे रोकने के लिए उन्होंने यह कदम उठाया।