काबुल के एयरपोर्ट के पास गुरुवार को सीरियल ब्लास्ट हुए। इन दो धमाकों में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई जबकि 120 से अधिक घायल हो गए। एयरपोर्ट के अब्बे गेट पर पहला ब्लास्ट हुआ और दूसरा धमाका एयरपोर्ट के नजदीक बने बैरन होटल के पास हुआ, जहां पर ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए थे।ले ब्लास्ट के बाद फ्रांस ने दूसरे धमाके को लेकर अलर्ट जारी किया था, जिसके कुछ देर बाद फिर से धमाका हुआ। तालिबान ने इस हमले की निंदा की है। माना जा रहा है कि यह हमला अफगानिस्तान से सम्बद्ध इस्लामिक स्टेट समूह के गुट ने किया है जो तालिबान से अलग है तथा उससे भी अधिक चरमपंथी है।
काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए दो धमाकों में मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, कम-से-कम 40 लोगों की जान गई है, जबकि 120 लोग घायल हो गए हैं। घायलों का नजदीकी अस्पताल में इलाज चल रहा है। काबुल में सीरियल ब्लास्ट में चार अमेरिकी मरीन कमांडो की भी मौत हुई है। इसके अलावा, तीन घायल हो गए हैं। पेंटागन प्रेस सेक्रेटरी जॉन किर्बी ने काबुल एयरपोर्ट पर मारे गए अमेरिकी सैनिकों की पुष्टि करते हैं। इसके साथ ही, कई अन्य लोगों का इलाज किया जा रहा है।
धमाके पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि हमने तीन दिन पहले हमले का अलर्ट दे दिया था। धमाकों के बाद जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने अपना इजरायल का दौरा रद्द कर दिया है। नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि काबुल में गुरुवार को हुए 'भयानक आतंकवादी हमले' के बाद भी इवेकुएशन जारी रहना चाहिए। नाटो) के प्रमुख ने काबुल हवाई अड्डे पर हुए दो बम हमलों की निंदा की है और इसे “भयानक आतंकी हमला” करार दिया है। ब्लास्ट्स के बाद फ्रांस के राजदूत अफगानिस्तान छोड़कर वापस चले जाएंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि अफगानिस्तान छोड़कर अब राजदूत पेरिस से काम करेंगे।
अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि “निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि” काबुल हवाई अड्डे के पास हुए बम विस्फोट के पीछे इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह का हाथ है। अधिकारी ने कहा कि दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधरियों द्वारा गुरूवार को किये गए हमले में अमेरिका के सैनिक घायल हुए हैं। नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस्लामिक स्टेट समूह तालिबान से अधिक चरमपंथी है और इसने असैन्य नागरिकों पर कई बार हमले किये हैं।