लंदन की अदालत ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को प्रत्यर्पण मामले के खिलाफ अपील करने की मंजूरी दे दी है। माल्या ने ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद द्वारा उनके प्रत्यर्पण के आदेश पर हस्ताक्षर करने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने की अनुमति मांगी थी।
इससे पहले 5 अप्रैल को किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख 63 वर्षीय माल्या के भारत प्रत्यर्पित होने के विरूद्ध दायर याचिका को खारिज कर दी गई थी। माल्या ने कोर्ट में अपील की थी कि उसे भारत प्रत्यर्पित न किया जाए। लंदन में रॉयल कोर्ट आफ जस्टिस के प्रशासनिक अदालत खंड की दो जजों की पीठ अप्रैल में दायर इस अपील पर सुनवाई की।
9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का है मामला
गौरतलब है कि माल्या को कथित रूप से 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के मामले का सामना करने के लिए भारत को सौंपा जाना है। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख 63 वर्षीय माल्या पहले ही दस्तावेज के जरिये अपील करने की छूट के मामले में ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में हार चुके हैं। लंदन में रॉयल कोर्ट आफ जस्टिस के प्रशासनिक अदालत खंड की दो जजों की पीठ अप्रैल में दायर इस अपील पर सुनवाई करेगी।
अगर खारिज हो जाती याचिका फिर भी माल्या के पास होते विकल्प
कानूनी जानकारों के मुताबिक ब्रिटिश हाई कोर्ट में प्रत्यर्पण आदेश पर रोक लगाने की अर्जी खारिज होने की स्थिति में माल्या के पास सुप्रीम कोर्ट के पास जाने का विकल्प भी बाकी रहता। इतना ही नहीं माल्या के पास फ्रांस के स्ट्रासबर्ग स्थित यूरोपीय कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स के पास भी जाने का विकल्प बाकी है। जहां वह भारत में हिरासत के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला देकर अपना प्रत्यर्पण स्थगित करने की अपील कर सकता है।
एजेंसी इनपुट