भूकंप प्रभावित नेपाल में कठोर शर्तों तथा व्यापक दिशानिर्देशों के कारण एक भारतीय गैर सरकारी संगठन को अपनी महत्वाकांक्षी योजना छोड़कर वहां से बाहर निकलना पड़ा। बीजेएस के प्रमुख शांतिलाल मुत्था ने बताया कि नेपाल के स्वास्थ्य एवं योजना मंत्रालय की ओर से तय दिशानिर्देशों के कारण काम को पूरा करने में बड़ी चुनौती पैदा हो गई तथा उन्होंने यह मुद्दा काठमांडो स्थित भारतीय दूतावास के समक्ष उठाया था। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए जिन सुविधाओं की जरूरत है वे काफी विस्तृत थीं। उनके मुताबिक नेपाली अधिकारी कोरिडोर के लिए मार्बल का फर्श, प्रतीक्षा क्षेत्र, तथा कार्यालयों में कारपेट, सोलर हीटिंग सिस्टम, सौर उर्जा वाले जनरेटर तथा अस्पताल अपशिष्ट प्रबंधन सयंत्र चाहते थे।
बीजेएस के संस्थापक मुत्था ने कहा, स्वास्थ्य एवं योजना मंत्रालय ने स्वास्थ्य केंद्र के लिए कुछ सुविधाओं के प्रावधान दे रखे हैं जिनको पूरा करना किसी गैर सरकारी संगठन के लिए व्यावहारिक रूप से असंभव है। हमारे सर्वेक्षण के मुताबक नेपाल में मौजूदा स्वास्थ्य सेवाएं इस तरह की सुविधाएं प्रदान नहीं करती हैं। इस बारे में संपर्क किए जाने पर नेपाल में नीति, योजना एवं अंतरराष्टीय सहयोग के प्रभारी डाॅक्टर पीवी चंद ने कहा कि स्वाथ्य एवं योजना मंत्राालय इस मामले को देख रहा है।