इंडोनेशिया में शनिवार रात को सुनामी ने जमकर तबाही मचाई है। इस दौरान अबतक 373 लोगों की मौत की खबरें हैं, जबकि 1400 लोग घायल हो गए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इंडोनेशियाई अधिकारियों ने रविवार को जानकारी दी कि क्रैकटो ज्वालामुखी के 'चाइल्ड' कहने जाने वाले अनक ज्वालामुखी के फटने से संभवतः यह सुनामी आई है।
नेशनल डिजास्टर एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुर्वो नुग्रोहो ने बताया कि सुनामी स्थानीय समयानुसार शनिवार रात करीब 9:30 बजे आई। प्रवक्ता ने कहा, "281 लोगों की मौत हुई है, 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं और कई लोग लापता हैं।"
क्रैकटो ज्वालामुखी हो सकता है कारण
सुनामी की वजह से तटीय क्षेत्र में बनी दर्जनों इमारतें मिट्टी में मिल गई। मेट्रोलॉजी एवं जियो फिजिक्स एजेंसी ने बयान जारी कर कहा कि इस सुनामी की वजह क्रैकटो ज्वालामुखी के 'चाइल्ड' कहने जाने वाले अनक ज्वालामुखी के फटने से समुद्र के भीतर चट्टानों का खिसकना हो सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इस द्वीप का निर्माण क्रैकटो ज्वालामुखी के लावा से हुआ है। इस ज्वालामुखी में आखिरी बार अक्टूबर में विस्फोट हुआ था।
'15 से 20 मीटर ऊंची लहरें उठीं'
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुनामी के वक्त समुद्र में 15 से 20 मीटर ऊंची लहरें उठती दिखी। ओयस्टीन एंडरसन ने फेसबुक पर लिखा, ‘‘तट से गुजरते समय लहरों की ऊंचाई 15 से 20 मीटर थी, जिसकी वजह से हमें तट से भागना पड़ा।’’ उसने कहा कि वह ज्वालामुखी की तस्वीरें ले रहा था कि अचानक तेज गति से आती एक बड़ी लहर दिखी। एंडरसन ने लिखा, "दूसरी लहर एक होटल में घुसी जहां हम रुके हुए थे। मैं परिवार के साथ किसी तरह जंगल और गांव के रास्ते बचने में कामयाब रहा, फिलहाल स्थानीय लोग हमारी देखभाल कर रहे हैं, शुक्र है कि हम सुरक्षित हैं।"
टीवी चैनलों पर जावा के पश्चिमी पट पर स्थित मशहूर कारिता बीच पर हुए नुकसान की तस्वीरें भी दिखाई जा रही हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने भी आंखों देखा मंजर बयान किया है। सुनामी के समय कारिता बीच पर मौजूद मुहम्मद बिनतांग ने बताया कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं और अंधेरा छा गया।
पंद्रह वर्षीय बिनतांग ने कहा, "हम रात करीब नौ बजे यहां आए थे कि अचानक तेज लहरें उठने लगीं, अंधेरा छा गया और बिजली चली गई।’’
बता दें कि इसी साल सुलवेसू द्वीप में आए सुनामी की तबाही में 800 से ज्यादा लोग मारे गए थे। मौसम विभाग के मुताबिक सुंदा स्ट्रेट के कई इलाकों में सुनामी का प्रभाव है। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है। साथ ही कई लोगों के सुनामी में गायब होने की भी रिपोर्ट है। इंडोनेशिया की जियोलॉजिकल एजेंसी सुनामी के कारणों का पता लगाने में जुट गई है। नुग्रोहो ने कहा कि मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है। अनक क्रैकटो एक छोटा वॉल्कैनिक आइलैंड है जो कि 1883 में क्रैकटो ज्वालामुखी के फटने के बाद अस्तित्व में आया था।