टेरर फंडिंग केस में पाकिस्तान की एंटी टेररिज्म कोर्ट (एटीसी) ने बुधवार को आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के मुखिया और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को दो मामलों में 11 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट अधिकारी के मुताबिक हाफिज सईद को पंजाब प्रांत में दो टेरर फंडिंग के मामलों में सजा दी गई है। बता दें कि एटीसी ने हाफिज सईद और उसके करीबी सहयोगियों को 11 दिसंबर को इस मामले में दोषी ठहराया था। पिछले शनिवार को लाहौर एटीसी न्यायाधीश अरशद हुसैन भुट्टा ने हाफिज सईद के खिलाफ दो टेरर फंडिंग मामलों में फैसले को 11 फरवरी तक टाल दिया था।
दो मामलों में सजा
कोर्ट ने आतंकी हाफिज सईद को दो मामले में साढ़े पांच-पांच साल की सजा सुनाई है और प्रत्येक मामले में 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। गौरतलब है कि पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट के आवेदन पर लाहौर और गुजरांवाला शहरों में सईद के खिलाफ कुल 23 एफआईआर दर्ज किए गए थे।
हुई थी बैठक
1 जनवरी 2019 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कार्य योजना को लागू करने के लिए एक बैठक की गई थी, जिसके बाद काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) के मुताबिक राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) के द्वारा मामलों की शुरूआती जांच की गई। सीटीडी के अनुसार इन आतंकवादियों ने टेरर फंडिंग कर आतंकवाद निरोधक अधिनियम 1997 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कई अपराध किए जिसके बाद एटीसी में मामले को लाया गया।
वैश्विक आतंकी घोषित
आतंकी हाफिज सईद पर अमेरिका ने 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा था जिसे पिछले साल 17 जुलाई को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में रखा गया है। इससे पहले साल 2008 में आतंकी हाफिज सईद के नेतृत्व वाली जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई हमले को अंजाम दिया था जिसमें 6 अमेरिकी सहित 166 लोग मारे गए थे। इस बाबत अमेरिका ने हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी की सूची में शामिल कर दिया था।