वोहरा, करजई और ओल्सन ने अफगानिस्तान में स्थिति तथा परस्पर हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने विचारों का आदान प्रदान किया। बैठक के बाद जारी एक त्रिपक्षीय बयान में कहा गया कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को मजबूत करने और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए साझा हितों की पुष्टि की गई। सभी पक्षों ने क्षेत्राीय पहलू सहित अफगानिस्तान में राजनीतिक, आर्थिक और विकास लक्ष्यों पर केंद्रित बहसों का स्वागत किया।
इस बयान में कहा गया है कि बैठक ने भारत और अमेरिका की सरकारों को अफगान सरकार की प्राथमिकता के अनुसार, उनके साथ समन्वय करने और सहायता देने के उपायों की खोज करने के लिए एक फोरम मुहैया कराया।बयान में कहा गया है तीनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि साझा मूल्यों और लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में बातचीत मदद करती है। उन्होंने नियमित आधार पर इस विचार विमर्श को जारी रखने का फैसला किया।
पिछले सप्ताह अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी भारत आए थे। तब प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, महिला अधिकारिता, उर्जा, अवसंरचना एवं लोकतांत्रिाक संस्थानों को मजबूत बनाने जैसे क्षेत्रों में क्षमता एवं क्षमतानिर्माण के लिए आवश्यकओं को पूरा करने की खातिर अफगानिस्तान को एक अरब डाॅलर का आवंटन करने का एेलान किया था।
अमेरिकी विदेश मंत्राी जाॅन केरी ने पिछले माह अपने भारत दौरे में कहा था कि वाॅशिंगटन नयी दिल्ली और काबुल के साथ वर्ष 2013 में बाधित हुई त्रिपक्षीय वार्ताओं को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से अलग शुरू करेगा।
पूर्व में राष्ट्रीय राजधानी मेंं संपन्न दूसरी भारत अमेरिका रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था तेजी से बदलते क्षेत्रीय और वैश्विक हालात के मद्देनजर भारत इस साल अफगानिस्तान के साथ त्रिपक्षीय बैठक बहाल करने, अफ्रीका पर तथा बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए उत्सुक है। भाषा एजेंसी