प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिन की बांग्लादेश यात्रा के दौरान हुए आपसी सहमति के इस समझौते के अनुसार रिलायंस पावर 3,000 मेगावाट क्षमता का विद्युत संयंत्र और सालाना 20 लाख टन क्षमता का फ्लोटिंग एलएनजी आयात टर्मिनल स्थापित करेगा। समझौते पर रिलायंस पावर के कार्यकारी उपाध्यक्ष समीर गुप्ता ने हस्ताक्षर किए। रिलायंस पावर बांग्लादेश में विद्युत संयंत्र के लिए विद्युत खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर होने की तिथि से तीन साल के अंदर संयंत्र स्थापित करेगी। इस संयंत्र की स्थापना के लिए कंपनी उन्हीं उपकरणों का इस्तेमाल करेगी जो उसने आंध्र प्रदेश में अपनी समलकोट परियोजना के लिए अनुबंधित किए।
कंपनी ने एक प्रेसनोट में कहा है कि ये उपकरण अमेरिका की जनरल इलेक्टिक तथा दूसरे आपूर्तिकर्ताओं से उचित वारंटी के तहत उपलब्ध होंगे।
समाचार है कि अडाणी समूह भी बांग्लादेश में दो बिजली संयंत्र लगाने के लिए निवेश करेगा। अडाणी समूह दो अरब डालर के निवेश से महेशखली के दक्षिणी बांग्लादेशी द्वीप पर 1,600 मेगावाट का ताप बिजली संयंत्र लगाएगा। बांग्लादेश में बिजली की भारी कमी है और इन दोनों संयंत्रों से इस कमी को आंशिक तौर पर कम करने में मदद मिलेगी।