संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने संवाददाताओं से कहा, प्रशासन इन सभी रास्तों पर विचार कर रहा है और हमने जिन कुछ चीजों पर बात की है वे प्रतिबंधों से संबंधित हैं और यह हैं कि कौन सूची में है तथा कैसे हमें इनसे निपटना है।
हेली ने अप्रैल के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष की भूमिका संभालने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुये यह टिप्पणी की।
हेली से प्रेस कांफ्रेस में आतंकवादियों (खास तौर से दक्षिण एशिया क्षेत्र के आतंकवादियों) को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत लाने के प्रयासों और कैसे अन्य स्थायी सदस्य वीटो की शक्ति का इस्तेमाल कर इन प्रयासों को रोक रहे हैं, के बारे में पूछा गया था। हेली ने कहा, क्या हमारे पास ऐसे लोग हैं जो कुछ मुद्दों पर वीटो करते हैं? हां, लेकिन यह अमेरिका को कार्रवाई करने से नहीं रोकता है और निश्चित तौर पर हमें इससे नहीं रोकता कि क्या हम इसमें बदलाव कर सकते हैं।
अमेरिका चाहता है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वह परिणाम की ओर बढ़ रहा है और चुपचाप नहीं बैठा है और चीजों को ऐसे ही चलते रहने नहीं दे सकता।
भारत ने पिछले साल फरवरी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की 15 सदस्यीय मंजूरी समिति में अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। उसे पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हमले का सरगना होने के लिए यह मांग की गई थी। इसके बाद से चीन ने दो बार वीटो का इस्तेमाल कर भारत के प्रस्ताव को ‘तकनीकी तौर पर स्थगित’ करा दिया और अंतत: पिछले वर्ष 30 दिसम्बर को इस पर रोक लगवा दिया था।