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नेताजी से जुड़ी फाइलों के लिए परिजनों की ब्रिटेन से गुहार

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्‍यमय मौत से जुड़े दस्‍तावेज हासिल करने के लिए उनके परिजनों ने अब ब्रिटिश सरकार से गुहार लगाई है। नेताजी के परपौत्र सूर्य कुमार बोस ने इस साल अप्रैल में बर्लिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर यह मुद्दा उठाया था। बोस का कहना है कि मोदी से मुलाकात के बाद उन्‍होंने नेताजी से जुड़ी फाइलों के बारे में एक पत्र भी लिखा था, जिसका अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
नेताजी से जुड़ी फाइलों के लिए परिजनों की ब्रिटेन से गुहार

इस मुद्दे पर मोदी सरकार के रवैये के बारे में पूछे जाने पर बोस ने कहा कि उन्‍हें उम्‍मीद है इस रहस्‍य से पर्दा उठेगा। क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि मोदी ऐसा करने में सक्षम हैं। उन्‍होंने पीएम मोदी को बताया था कि चाहे जो भी नतीजा निकले, हम उसका सामना करने के लिए तैयार हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिजनों ने ब्रिटिश सरकार से इसलिए संपर्क किया है क्‍योंकि जापान और रूस के अलावा उसी के पास नेताजी से जुड़े गोपनीय दस्‍तावेज हैं। 

सूर्य कुमार बोस ने बर्लिन में पीटीआई को बताया कि लंदन में रहने वाली उनकी बहन ने गोपनीय फाइलें सार्वजनिक करवाने के लिए ब्रिटिश सरकार से संपर्क किया है। ब्रिटिश सरकार ने मान चुकी है कि उनके पास ये दस्‍तावेज मौजूद हैं। लेकिन इस मामले की गहराई में जाने के लिए और समय चाहिए। इससे पहले नेताजी के परिजन उनकी मौत के रहस्‍य से पर्दा उठाने के लिए जापान और अमेरिका सरकारों से भी संपर्क साध चुके हैं।

सूर्य कुमार बोस का कहना है कि इन गोपनीय दस्‍तावेजों से चाहे जो भी उजागर हो, परिवार इस मामले की तह तक जाने के लिए तैयार है। बोस के मुताबिक, उन्‍हें नहीं लगता कि इन दस्‍तावेजों को सार्वजनिक करने से किसी मौजूदा सरकार के लिए कोई समस्‍या पैदा होगी। 1954-46 में जो कुछ हुआ, उसके लिए मौजूदा सरकार को जिम्‍मेदार नहीं ठहराया जा सकता। यह सही समय है जब सुभाष चंद्र बोस से जुड़े रहस्‍य से पर्दा उठना चाहिए। उनका कहना है कि भारत सरकार को सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी जानकारियां पाने के लिए विदेशी सरकारों से अनुरोध करना चाहिए। 
गौरतलब है कि यूपीए सरकार की राह पर चलते हुए मोदी सरकार ने भी गत फरवरी ने नेताजी से जुड़े दस्‍तावेज सार्वजनिक करने से मना कर दिया था। प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि इन फाइलों को सार्वजनिक करने से दूसरे मुल्‍कों के साथ संबंधों पर बुरा असर पड़ सकता है। 

 

 

 

 

 

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