फ्रांस के एक कोर्ट ने ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी को 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हर्जाना वसूलने के लिए फ्रांस में करीब 20 भारतीय सरकारी संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है। सूत्रों ने गुरुवार को ये जानकारी दी है।
फ्रांसीसी कोर्ट ने 11 जून को केयर्न एनर्जी को भारत सरकार की संपत्तियों के अधिग्रहण का आदेश दिया था, जिनमें ज्यादातर फ्लैट शामिल हैं। इस बारे में कानूनी प्रक्रिया बुधवार शाम को पूरी हो गई।
एक मध्यस्थता न्यायालय ने दिसंबर में भारत सरकार को आदेश दिया था कि वह केयर्न एनर्जी को 1.2 अरब डॉलर से ज्यादा का ब्याज और जुर्माना चुकाए। लेकिन भारत सरकार ने इस आदेश को स्वीकार नहीं किया, जिसके बाद केयर्न एनर्जी ने भारत सरकार की संपत्ति को जब्त करके देय राशि की वसूली के लिए विदेशों में कई अदालतों में अपील की।
इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन ने दिसंबर 2020 में केयर्न एनर्जी के पक्ष में निर्णय सुनाया था और कहा था कि भारत सरकार उसके 1.2 अरब डॉलर वापस करे। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय अदालत से जीत मिलने के बाद केयर्न एनर्जी अपने पैसे के लिए सरकार के पीछे पड़ चुकी है। एक रिपोर्ट के अनुसार केयर्न एनर्जी ने विदेशों में भारत सरकार की लगभग 70 अरब डॉलर (5 लाख करोड़ से ज्यादा) से ज्यादा संपत्ति की पहचान की है।
भारत सरकार से अपने पैसे वापस लेने को लेकर केयर्न एनर्जी विश्व के कई देशों में केस दर्ज कर चुकी है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यदि केयर्न की ओर से सीज की कार्रवाई की जाती है तो यह मामला फंस जाएगा। सरकार सीजर की इस कार्रवाई को कोर्ट में चुनौती देगी लेकिन तब तक सरकार को केयर्न को बैंक गारंटी देनी पड़ सकती है। यदि अदालत को केयर्न के दावे में दम नहीं लगेगा तो वह गारंटी सरकार को वापस कर दी जाएगी। यदि केयर्न जीत जाता है तो जमानत उसे मिल जाएगी।