ऑनलाइन गेम का बच्चों पर बुरा प्रभाव अब अभिभावकों के साथ देश को भी सताने लगा है। बच्चों का भविष्य प्रभावित होने से बचाने के लिए चीन इस बारे में कड़ा निर्णय लागू करने जा रहा है जिसके तहत बच्चों के सप्ताह में तीन घंटे से ज्यादा ऑनलाइन गेम खेलने को प्रतिबंधित किया जा रहा है। यह नियम 18 साल से कम आयु वालों के लिए बनाया गया है। सरकार का कहना है कि बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत को सही रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। गेमिंग इंडस्ट्री पर अभी तक का यह सबसे कठोर प्रतिबंध होगा। चीनी नियामक टेक्नालॉजी सेक्टर पर अंकुश लगाने के क्रम में लगातार कड़े फैसले ले रहा है।
चीन के नेशनल प्रेस एंड पब्लिकेशन एडमिनिस्ट्रेशन की नोटिस के अनुसार, चीन में एक सितंबर से बच्चे शुक्रवार, सप्ताहांत और सार्वजनिक अवकाश के दिन सुबह आठ बजे से नौ बजे तक गेम खेल सकते हैं। इससे साल के अधिकांश सप्ताह में बच्चों के गेम खेलने की सीमा प्रति सप्ताह तीन घंटे तक सीमित होने जा रही है। इससे पहले 2019 में लागू प्रतिबंध के तहत बच्चों को रोजाना डेढ़ घंटे और सार्वजनिक अवकाश के दिन तीन घंटे तक गेम खेलने की अनुमति दी गई थी।
नए नियम से गेम क्षेत्र की बड़ी कंपनी टेनसेंट समेत चीन की कुछ बड़ी तकनीकी कंपनियां प्रभावित होंगी। टेनसेंट का आनर आफ किंग्स आनलाइन मल्टीप्लेयर गेम दुनिया भर में लोकप्रिय है। इसके अलावा नेटइज गेमिंग कंपनी भी प्रभावित होगी।
ओलंपिक गेम्स में दूसरे नंबर पर रहने वाले चीन का यह कदम भले ही कड़ा हो, लेकिन बच्चों की शिक्षा और सेहत के लिहाज से अहम है। फिजिकल गेम्स से दूर होकर ऑनलाइन गेम्स में बिजी रहने के चलते बच्चों की सेहत पर असर पड़ने को लेकर असर चिंताएं जाती रही हैं। ऐसे में चीन सरकार का यह कदम वाजिब मालूम पड़ता है। बता दें कि चीन बच्चों के जन्म से लेकर अन्य तमाम मसलों पर कड़े नियमों के लिए चर्चित रहा है।