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विवादित दक्षिण सागर में चीन ने तैनात की विमान रोधी मिसाइलें

चीन ने विवादित दक्षिण चीन सागर (एससीएस) में लंबी दूरी की विमानरोधी मिसाइलें तैनात की हैं लेकिन मीडिया की इन खबरों को कम्युनिस्ट राष्ट्र चीन ने पश्चिमी खबरिया संस्थानों की खबरें गढ़ने की कोशिश करार देते हुए तवज्जो नहीं दिया है।
विवादित दक्षिण सागर में चीन ने तैनात की विमान रोधी मिसाइलें

फॉक्स न्यूज की खबर है कि उपग्रह चित्रों में दक्षिण चीन सागर में पारासेल द्वीप श्रृंखला के वुडी द्वीप पर जमीन से हवा में मार करने वाली आठ एचक्यू-9 मिसाइल लांचरों और रेडार प्रणालियों के दो सेट नजर आते हैं। यह खबर ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संसाधन संपन्न इस क्षेत्र में क्षेत्रीय विवादों के हल के लिए ठोस कदमों का आह्वान किया है। चित्रों के अनुसार तीन फरवरी को द्वीप का तट खाली था जबकि 14 फरवरी को मिसाइलें नजर आईं। फॉक्स की खबरों के अनुसार एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि चित्रों में 200 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली एचक्यू-9 वायु रक्षा प्रणाली दिख रही है जिससे समीप से गुजरने वाले असैन्य एवं सैन्य विमान के लिए खतरा पैदा होगा।

 

यह वही द्वीप है जिसके समीप से कुछ हफ्ते पहले एक अमेरिकी नौसेना विध्वंसक गुजरते हुए दूसरे विवादित द्वीप पर गया था। वुडी द्वीप पारसेल्स द्वीप श्रृंखला का हिस्सा है जो 40 साल से भी अधिक समय से चीन के नियंत्रण में है। ताईवान एवं वियतनाम भी उसपर दावा करते हैं। बाया जा रहा है कि वहां ये मिसाइलें पिछले ही हफ्ते पहुंचीं हैं। हालांकि इस खबर में किसी तरह की सच्चाई से चीन ने इनकार किया है। चीन के विदेश मंत्री यांग इ ने कहा, हम मानते हैं कि यह कुछ पश्चिमी मीडिया की खबरे गढ़ने की कोशिश भर है। वांग ने मछुआरों के लिए लाइट हाउसों, मौसम केंद्रों, बचाव एवं आश्रय सुविधाओं के निर्माण की ओर इशारा करते हुए दावा किया कि ये चीजें काफी हद तक नागरिकोन्मुखी हैं और उनसे क्षेत्र लाभान्वित हुआ है। उन्होंने कहा, ये सारे ऐसे काम हैं कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में सबसे बड़े समुद्रतटीय देश के रूप में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को और सार्वजनिक वस्तुएं और सेवाएं प्रदान करने के लिए किए हैं और वह वहां अपनी सकारात्मक भूमिका निभाता है।

 

उन्होंने कहा कि चीन का सैन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण आत्म संरक्षण और आत्म रक्षा के अधिकार के अनुरूप ही है जिसका उसे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हक है, अतएव उस पर सवाल उठना ही नहीं चाहिए। चीन द्वारा यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब राष्ट्रपति ओबामा ने कैलीफोर्निया में 10 एशियाई नेताओं की मेजबानी की और उनमें से कुछ दक्षिण चीन सागर में चीन की हाल की गतिविधि से चिंतित थे। ओबामा ने कल कहा कि जहां कहीं भी अंतरराष्ट्रीय कानून इजाजत देगा, अमेरिका उड़ान भरेगा, नौ परिवहन करेगा और संचालन करेगा तथा वह सभी देशों को ऐसा करने के उनके अधिकार का समर्थन करेगा। उन्होंने साथ ही इस विवादित एवं प्राकृतिक संसाधन संपन्न दक्षिण चीन सागर में तनाव कम करने के लिए ठोस कदम उठाने का आवान किया।

 

 

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