चीन कई वर्षों से क्लाउड सीडिंग रॉकेटों का इस्तेमाल करता रहा है, जिसमें बारिश कराने वाला सिल्वर आयोडाइड मौजूद रहता है। लेकिन बारिश के लिए इसे बादलों की जरूरत होती है। सरकार संचालित अखबार चाइना डेली ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि यदि चर्चा सफल रहती हैं तो चीनी विशेषज्ञ भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों को आधुनिक क्लाउड सीडिंग प्रौद्योगिकी से जुड़ा प्रशिक्षण उपलब्ध कराएंगे। इसमें कहा गया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य जरूरत पड़ने पर वर्ष 2017 की गर्मियों में महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में बारिश कराने का होगा। मई की शुरूआत में शंघाई के शीर्ष अधिकारी हान झेंग और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मुंबई में बैठक हुई थी।
अखबार में कहा गया कि हान ने फडणवीस से पूछा था कि क्या चीन महाराष्ट्र में सूखे से राहत के लिए कुछ कर सकता है? चीन ने वर्ष 1958 में क्लाउड सीडिंग प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल शुरू कर दिया था और आज उसके पास दुनिया की सबसे आधुनिक प्रणालियों में से एक प्रणाली है।