दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामले 50 लाख के पार पहुंच गया है। वहीं 3.29 लाख से अधिक लोगों की मौत इसकी वजह से हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बीते 24 घंटों में रिकॉर्ड रूप से 1.06 लाख संक्रमण का पता चला है। अमेरिका में सबसे ज्यादा संक्रमण के 15 लाख मामले हैं इसके बाद रूस, ब्राज़ील और ब्रिटेन हैं।
'यूरोप को कोरोना की दूसरी लहर के लिए रहना चाहिए तैयार'
यूरोपीय यूनियन की एजेंसी यूरोपियन सेंटर फ़ॉर डिज़ीज़ प्रीवेन्शन एंड कंट्रोल की निदेशक डॉक्टर एंड्रिया अम्मॉन ने कहा है कि यूरोप को कोराना की दूसरी लहर के लिए तैयार रहना चाहिए। एंड्रिया का कहना है “मुझे लगता है कि अब बस ये सवाल बाक़ी है कि ये दूसरी लहर कब तक आएगी और कितनी बड़ी होगी।”लंबे लॉकडाउन के बाद यूरोप के कई देश अब अपनी अर्थव्यवस्था पर ध्यान दे रहे हैं और लोगों पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दे रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार चेतावनी दी है कि ‘कोरोना वायरस महामारी को लेकर यह ना समझा जाये कि ये समाप्ती की ओर है।’ जिनेवा में बोलते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस ऐडहेनॉम गेब्रीयेसोस ने कहा कि “जैसे-जैसे अमीर और विकसित देश लॉकडाउन से उभर रहे हैं, कोरोना वायरस संक्रमण ग़रीब देशों में फैल रहा है।” उन्होंने कहा, “हमें अभी भी बहुत लंबा सफ़र तय करना है. हमें चिंता है कि यह महामारी अब निम्न और मध्यम आय वाले देशों में बढ़ रही है।” लैटिन अमेरिकी देश ब्राज़ील अब इस महामारी के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है जहाँ संक्रमण के मामले ब्रिटेन से अधिक हो चुके हैं और संक्रमण की दर भी लगातार बढ़ रही है।
ब्राजील ने 2 विवादित एंटी-मलेरिया दवाओं के उपयोग की दी अनुमति
ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज़ों के इलाज के लिए दो एंटी-मलेरिया दवाओं के उपयोग की इजाजत दे दी है। हालांकि अभी तक कोई भी ऐसे निर्णायक साक्ष्य उपस्थित नहीं हैं जो ये सिध्द कर सकें कि क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन कोविड-19 के इलाज में प्रभावी हैं। मार्च में ब्राज़ील के राष्ट्रपति जेर बोलसोनारो ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन इस वायरस के इलाज में बेहद प्रभावी है। हालांकि, बाद में फ़ेसबुक और ट्विटर ने फ़ेक न्यूज़ फैलाने के मामले में उनकी पोस्ट को डिलीट कर दिया था।
जी-7 देशों के नेता बैठक के लिए आएं वॉशिंगटन: ट्रंप
कोरोना वायरस महामारी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि इस बार होने वाला जी7 देशों का सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए न हो। बल्कि ट्रंप का कहना है कि वो कोशिश करेंगे कि इस बार की बैठक वॉशिंगटन में हो जिसमें सभी सात देशों के प्रतिनिधि खुद आएं। इससे पहले कोरोना महामारी के कारण जी7 देशों का सम्मेलन रद्द कर दिया गया था। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, “मेरा मानना है कि जी-7 देशों का सम्मेलन वॉशिंगटन के जाने माने कैंम्प डेविड में हो और तय तारीख़ को या फिर किसी और दिन हो। दूसरे देश भी अब अपनी अर्थव्यवस्था दुरुस्त करने के प्रयास में हैं और सभी देश एक स्थान में आएंगे तो ये स्थितियों के सामान्य होने की दिशा में महत्वपूर्ण क़दम होगा।”
पर्यटकों के लिए खुलेगा यूनान
यूनान के प्रधानमंत्री किर्याकॉस मीत्सोटाकिस ने ऐलान किया है कि 15 जून से यूनान को पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। बुधवार को टेलीविज़न पर प्रसारित एक संदेश में उन्होंने कहा, “आधिकारिक रूप से 15 जून से देश में पर्टयन का सीज़न शुरू होता है मगर इस बार कोराना महामारी की वजह से ये प्रभवित हुआ है। अब जून 15 के बाद से विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए होटल खोल दिए जाएंगे। साथ ही देश में मौजूद पर्यटन स्थलों के लिए सीधी इंटरनेशनल उड़ानें भी एक जुलाई से शुरू की जाएंगी।”