सऊदी अरब में हुए जी-20 आपातकालीन शिखर सम्मेलन में देशों ने कोरोनो वायरस से लड़ने के लिए एकजुटता दिखाते हुए वैश्विक अर्थव्यवस्था में 5 लाख करोड़ अमरीकी डॉलर की राशि देने की बात कही है। गुरुवार को हुए आपातकालीन ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में वित्तीय नीति, आर्थिक उपायों और महामारी से होने वाले वित्तीय प्रभावों से निपटने के लिए वितीय पैकेज का ऐलान किया गया है। हुए सम्मेलन में समुहों ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व स्वास्थ्य संगठन और क्षेत्रीय बैंकों के साथ तेजी से काम करने का वादा किया।
इसकी अध्यक्षता सऊदी अरब के सुलतान सलमान बिन अब्दुल अजीज अल-सऊद ने की। कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार ये सम्मेलन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया। इसलिए इसे जी-20 वर्चुअल समिट नाम दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होने वाले इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई शीर्ष नेताओं ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के समन्वित उपायों पर चर्चा की।
बता दें, इस वायरस से अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी है और जन-जीवन व कारोबार पूरी तरह ठप है। जी-20 की अध्यक्षता कर रहे सऊदी अरब ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जी-20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने का आह्वान ऐसे समय पर किया जब इस वैश्विक संकट से निपटने को लेकर समूह की बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों द्वारा तेजी से कदम न उठाने को लेकर आलोचना हो रही थी।
इन देशों के प्रतिनिधि हुए शामिल
पीएम मोदी के अलावा इस बैठक में इटली, स्पेन, जार्डन, सिंगापुर और स्विट्जरलैंड जैसे कोरोना वायरस से प्रभावित देशों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।साथ ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इसमें शामिल हुए।
कोरोना की लड़ाई को वैश्विक लड़ाई
प्रधानमंत्री मोदी इस बैठक में कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई को वैश्विक लड़ाई में बदलना चाह रहे थे, जहां प्रतिभागी देश अपने चिकित्सा ज्ञान और संसाधनों में तालमेल की मदद से वायरस के प्रसार को रोकने में मदद कर सकें। जी-20 बैठक का उद्देश्य सदस्य देशों के लिए सबसे खराब स्थिति में अपनी चिकित्सा क्षमता को बढ़ाने का और वायरस के प्रसार को रोकने व उसके इलाज के लिए वैज्ञानिक प्रयास करना रहा।
शीर्ष संगठन हुए शामिल
इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, डब्ल्यूएचओ, विश्व व्यापार संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन जैसे शीर्ष संगठन भी शामिल हुए। बैठक में आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन), अफ्रीकी संघ, खाड़ी सहयोग परिषद और अफ्रीका के विकास के लिये नई भागीदारी (एनईपीएडी) जैसे क्षेत्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। जी-20 में भारत के अलावा, अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिका ने भी हिस्सा लिया।
इन दिनों सभी देशों में कोरोना का कहर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वर्तमान में चीन की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय समिति तक सीमित होने के बजाय, जी-20 में 46 देशों (यदि यूरोपीय संघ को अलग-अलग संस्थाओं में विभाजित किया गया है) वाला एक प्रतिनिधि निकाय है, इसमें शामिल लगभग सभी देशों में इस वायरस ने कहर बरपाया हुआ है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    