भारत सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान लगातार इसका विरोध कर रहा है। इस मुद्दे को पाकिस्तान में यूएन में भी उठाया लेकिन उसे कहीं से कोई कामयाबी नहीं मिली थी, लेकिन इन सब के बावजूद भी पाकिस्तान की सरकार और उनके मंत्रियों ने जम्मू-कश्मीर को लेकर बयान देने का सिलसिला जारी रखा हुआ है। ताजा बयान पाकिस्तान सरकार के कश्मीर और गिलगिट बालिस्तान मामले के मंत्री अली अमीन गंदापुर की तरफ से आया है। उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर भारत का साथ देने वाले देशों को चेतावनी देते हुए उन पर मिसाइल से हमले की बात कही है।
‘हम भारत के साथ-साथ इन देशों पर भी मिसाइल दागेंगे’
अली अमीन गंदापुर ने कहा कि अगर कश्मीर के मसले पर भारत के साथ तनाव बढ़ता है तो पाकिस्तान युद्ध में जाने को तैयार रहेगा। ऐसे में जो देश कश्मीर मुद्दे पर भारत का साथ दे रहे हैं वह हमारे लिए दुश्मन की तरह हैं। हम भारत के साथ-साथ इन देशों पर भी मिसाइल दागेंगे।
भारत के साथ वार्ता करने का सवाल ही नहीं- इमरान
इससे पहले भी पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर कई तरह के बयान दिए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश के दौरे पर आए अमेरिकी कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल से सोमवार को कहा था कि कश्मीर में स्थिति को देखते हुए भारत के साथ वार्ता करने का सवाल ही नहीं है। ‘जियो न्यूज' ने खबर दी थी कि खान ने अमेरिकी सीनेटर क्रिस वान होलेन और मैगी हसन के साथ बातचीत में कहा कि भारत के साथ कोई वार्ता नहीं होगी। दोनों सीनेटर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की रविवार को यात्रा करने के बाद अपने अनुभव प्रधानमंत्री के साथ साझा किए।
‘कश्मीर में जब तक स्थिति बेहतर नहीं होती यह असंभव है’
इमरान खान ने कहा था कि वह भारत-पाकिस्तान वार्ता के सबसे बड़े समर्थक थे लेकिन कश्मीर में जब तक स्थिति बेहतर नहीं होती यह असंभव है। भारत ने पाकिस्तान को बताया था कि जब तक वह सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा नई दिल्ली, इस्लामाबाद के साथ वार्ता नहीं करेगा। खबर में बताया गया था कि कश्मीर में मानवाधिकार को लेकर चिंता जताने वाले अमेरिकी सीनेटरों में होलेन भी शामिल थी।
‘जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज बुलंद करे’
इमरान खान ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कश्मीरी लोगों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने होलेन और हासन से मुलाकात के दौरान ये टिप्पणी की। दोनों सीनेटरों ने प्रधानमंत्री से इस्लामाबाद में मुलाकात की थी। ‘जियो टीवी' के मुताबिक खान ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता के सम्मान के लिए अपनी आवाज बुलंद करे।
साथ ही, इमरान खान ने कहा था कि क्षेत्र में अशांत स्थिति है। इस विषय पर ध्यान देने के लिए उन्होंने दोनों सीनेटरों सहित अमेरिकी संसद की भी सराहना की। खान ने उल्लेख किया था कि अफगानिस्तान में अमन-चैन लाने में पाकिस्तान और अमेरिका का साझा हित है।
खान ने अफगानिस्तान में सियासी समाधान के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा था कि अमेरिका-तालिबान शांति वार्ता को बहाल करना जरूरी है। दोनों अमेरिकी सीनेटरों ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।