गौरतलब है कि मर्स का वायरस दक्षिण कोरिया में 24 लोगों की जान ले चुका है और वहां इसके 166 पुष्ट मामले सामने आ चुके हैं। इस वायरस का कोई निश्चित इलाज चिकित्सक अबतक तलाश करने में नाकाम रहे हैं।
जहां तक थाईलैंड का सवाल है, गुरुवार को मेडिकल जांच के दौरान 75 वर्षीय एक मरीज मर्स से संक्रमित पाया गया। लोक स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रजता रजतनवीन ने बताया कि अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि स्थिति काबू में रहे। देश में कुल 141 लोगों पर बीमारी की आशंका के चलते नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर लोगों को अलग-थलग रखा गया है। मर्स को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी विदेश मंत्रालय, आपदा निवारण एवं शमन विभाग और बैंकाक मेट्रोपोलिटन प्रशासन जैसी अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं।
थाईलैंड स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यालय ने मर्स के प्रकोप को रोकने के लिए थाईलैंड को मदद हेतु विशेषज्ञ एवं सलाहकार उपलब्ध कराए हैं। रजतनवीन ने बताया, मर्स पीड़ित मरीज के नजदीकी संपर्क में आने वाले दो तरह के लोग थे। पहला ग्रुप 66 लोगों का था, जो अधिक जोखिम समूह में हैं। इनमें तीन रिश्तेदार, 47 मेडिकल स्टाफ और एयरलाइन के वे यात्री थे, जो थाईलैंड जाते वक्त मरीज के नजदीक बैठे थे। मंत्री ने बताया, दूसरे ग्रुप में 75 लोग हैं, जो मरीज के निकट आ गए थे लेकिन उनका मरीज से सीधा संपर्क नहीं हुआ। वे दूसरे एयरलाइन के यात्री, टैक्सी ड्राइवर और होटल स्टाफ थे। इन सभी की 14 दिन तक निगरानी की जाएगी, लेकिन उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है।
दक्षिण कोरिया में कोई नया मरीज नहीं
वैसे दक्षिण कोरिया में शुक्रवार को किसी नए मरीज में इस बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है और इसके कारण चिकित्सकों को अब यह भरोसा होने लगा है कि वह इस वायरस को काबू करने में सफल हो सकते हैं क्योंकि पिछले 16 दिनों में पहला दिन ऐसा गुजरा है जिस दिन इस वायरस से संक्रमित कोई मरीज सामने नहीं आया है। वहां छह और मरीज बीमारी से उबर चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। इस समय 106 लोगों का उपचार चल रहा है। अब तक कुल 36 मरीज इस बीमारी से उबर चुके हैं जिन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई है।
उत्तर कोरिया का दावा, मर्स, इबोला और एड्स की दावा बनाई
इस बीच उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने मर्स, इबोला और एड्स जैसी बीमारियों की दवा खोजने में सफलता पा ली है। विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम के लिए जाने जाने वाले तानाशाही शासन वाले देश ने एक ऐसी दवा खोजने के बारे में घोषणा की जो मर्स, इबोला और एड्स को रोक सकती है। इस देश ने हालांकि इस संबंध में कोई सबूत पेश नहीं किया और उसका दावा व्यापक तौर पर संशय पैदा करने वाला प्रतीत होता है। उत्तर कोरिया का दावा ऐसे समय आया है जब दक्षिण कोरिया में पिछले महीने से लेकर अब तक मर्स से दो दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है और 160 से लोग अधिक बीमार हुए हैं। बीमारी की कोई दवा नहीं है।