पिछले दिनों अमेरिका और ईरान के बीच चल रहा तनाव शांत तो हो गया है, लेकिन यूक्रेन के विमान हादसे की जिम्मेदारी लेने के बाद से ही ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई के खिलाफ हजारों ईरानी नागरिक सड़कों पर उतर आए हैं। प्रदर्शनकारी ईरान के सर्वोच्च नेता से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं, ईरान में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह हालात पर नजर बनाए हुए हैं और अब दूसरा 'नरसंहार' नहीं होना चाहिए।
दरअसल, शनिवार को ईरान ने स्वीकार किया था कि उसने गलती से यूक्रेन के विमान को मार गिराया था, जिसमें सवार 176 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से ईरान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव के साथ-साथ अंदरूनी दबाव भी है। विमान में सवार अधिकतर यात्री ईरानी थे, जिसको लेकर लोग सड़कों पर उतर पर सर्वोच्च नेता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।
विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘खामनेई देश छोड़े' के लगे नारे
ईरान की राजधानी तेहरान में अमेरिकी दूतावास के बाहर हजारों लोग प्रदर्शन करने के लिए जुटे। वहीं, अमीर काबिर यूनिवर्सिटी के बाहर भी छात्रों ने प्रदर्शन किया। लोग हाथों में पोस्टर लेकर सर्वोच्च नेता के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने उनके इस्तीफे की मांग की और खामनेई देश छोड़े के नारे लगाए।
हम आपके प्रदर्शनों पर करीब से नजर बनाए हुए हैं- ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ईरान में हो रहे प्रदर्शनों पर करीब से नजर रख रहा है, साथ ही उसने प्रदर्शनकारियों के जनसंहार के खिलाफ चेतावनी दी है। दरअसल ईरान ने लोग उस वक्त सड़कों पर उतर आए जब ईरान ने स्वीकार किया कि यूक्रेन का विमान उसने गलती से गिरा दिया है। इस भयावह हादसे में विमान में सवार सभी 176 लोग मारे गए थे।
ट्रंप ने अंग्रेजी और फारसी में ट्वीट किया कि वह प्रदर्शनकारियों के साथ हैं और प्रदर्शनों पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि ईरान के बहादुर, लंबे वक्त से पीड़ित लोगों के लिए: राष्ट्रपति पद पर आने के बाद से ही मैं आपके साथ हूं और हमारा प्रशासन आपके साथ है।
उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर फिर जनसंहार नहीं हो सकता और न ही इंटरनेट बंद हो सकता है। पूरा विश्व देख रहा है। हम आपके प्रदर्शनों पर करीब से नजर बनाएं हैं और आपके साहस से प्रेरित हैं।
विमान यात्रियों की मौत पर जनता आक्रोश में
ईरान ने जिस विमान को मार गिराया उसमें सबसे ज्यादा ईरान के ही नागरिक मौजूद थे। इस हादसे में ईरान के 82 और कनाडा के 63 नागरिक थे। आठ जनवरी को यह विमान यूक्रेन की राजधानी कीव जा रहा था। इसमें ईरान और कनाडा के अलावा यूक्रेन के 11, स्वीडन के 10, अफगानिस्तान के चार जबकि जर्मनी और ब्रिटेन के तीन-तीन नागरिक सवार थे।
राष्ट्रपति रूहानी ने घटना को अक्षम्य बताया
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने इस घटना को लेकर कहा था कि यह मानवीय भूल थी। जिस कारण मिसाइल को गलत दिशा में चला दिया गया और इस वजह से विमान हादसे का शिकार हो गया। उन्होंने इसे 'अक्षम्य भूल भी बताया।'
पीड़ितों के परिवारों से माफी मांगते हैं- ईरान के विदेश मंत्री
वहीं, ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ ने ट्वीट किया, 'दुखी करनेवाला दिन। आर्मी की शुरुआती जांच में सामने आया है कि अमेरिका के हमले के वक्त मानवीय भूल की वजह से हादसा हुआ। इसपर हम पछतावा और खेद व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिवारों से माफी मांगते हैं।'
ब्रिटेन के राजदूत को हिरासत में लिया गया
इस बीच ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने बताया कि ईरान प्रशासन ने तेहरान में ब्रिटेन के राजदूत को कुछ समय के लिए हिरासत में लिया था। राजदूत रोब मकायर को ईरान में शासन के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर हिरासत में लिया गया था। हालांकि राजदूत को एक घंटे के बाद रिहा कर दिया गया था।
राब ने राजदूत रोब मकायर को हिरासत में लिए जाने के बाद एक बयान में कहा कि बिना किसी आधार और व्याख्या के तेहरान में हमारे राजदूत को हिरासत में लिया जाना अंतरराष्ट्रीय कानून का खुले तौर पर उल्लंघन है।
मंत्री ने ईरान को चेतावनी दी कि वह दोराहे पर खड़ा है और उसे परित्यक्त देश का दर्जा या फिर बातचीत के जरिए तनाव कम करने की दिशा में कदम में से किसी एक को चुनना होगा। अमेरिका के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि दुर्घटनावश विमान को गिराना ईरान की खतरनाक भूल है।