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नेपाल में भूकंप से बर्बादी: लोगों के समक्ष जिंदगी को पटरी पर लाने की चुनौती, 157 लोग गंवा चुके हैं जान

नेपाल में शुक्रवार को आए भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित जाजरकोट जिले के निवासियों को अपने घरों के...
नेपाल में भूकंप से बर्बादी: लोगों के समक्ष जिंदगी को पटरी पर लाने की चुनौती, 157 लोग गंवा चुके हैं जान

नेपाल में शुक्रवार को आए भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित जाजरकोट जिले के निवासियों को अपने घरों के पुनर्निर्माण और जिंदगी को पटरी पर लाने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। नेपाल में शुक्रवार आधी रात से ठीक पहले 6.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 157 लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक अन्य घायल हो गए।

उत्तर-पश्चिमी नेपाल में हजारों ग्रामीणों ने शनिवार की रात कड़ाके की ठंड में घरों के बाहर बिताई। स्थानीय लोगों ने रात भर खुद को गर्म रखने के लिए अस्थायी आश्रय बनाने के वास्ते प्लास्टिक की चादर और पुराने कपड़ों सहित जो भी सामग्री मिली, उसका उपयोग किया।

राउत गांव के निवासी रोमित केसी ने कहा, ‘‘घर की हालत बहुत खराब है। दरारें आ गई हैं। हर कोई अपने घरों के बाहर बैठा है। यहां एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। दूसरे गांव में एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई।’’

लोगों ने भूकंप की रात की भयावहता को याद किया। गांव के एक अन्य निवासी ने कहा,‘‘जो घर पुराने थे और पारंपरिक शैली में मिट्टी से बने थे, वे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जबकि जो घर आरसीसी से बने थे, वे बिलकुल भी क्षतिग्रस्त नहीं हुए हैं।’’

जैसे-जैसे राहत और बचाव कार्य आगे बढ़ रहा है, अब ध्यान उन लोगों के पुनर्वास पर केंद्रित हो गया है जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिन लोगों के पास जाने के लिए अन्यत्र कोई ठिकाना नहीं है, वे अपने पास उपलब्ध किसी भी संसाधन की मदद से खुले क्षेत्र में खाना पकाने जैसा घरेलू दैनिक कार्य कर रहे हैं।

जाजरकोट के माटल थेबल गांव में 200 साल पुराना एक घर मलबे में तब्दील हो गया। माटल थेबल गांव में राहत शिविर के एक स्वयंसेवक ने कहा कि उनका ध्यान अब प्रभावित लोगों के पुनर्वास पर है और वे भीषण ठंड में लोगों को राहत देने की तैयारी कर रहे हैं।

बचावकर्मी सहायता प्रदान करने के लिए दौड़े, लेकिन उनके प्रयासों में इस वजह से बाधा आई कि कई पर्वतीय गांवों तक केवल पैदल ही पहुंचा जा सकता था। भूकंप के कारण हुए भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो गईं।

बचाव कार्य में लगे एक कर्मी ने कहा, ‘‘युवा, नेपाल सेना, एपीएफ टीम- हम भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में जुटे हुए हैं। युवा और सामाजिक कार्यकर्ता प्रभावित घरों से लोगों की मदद करने में शामिल हैं।’’ उसने कहा, ‘‘राहत कार्य जारी है। जिन लोगों को बचाया गया है उन्हें जिले से बाहर रेफर किया जा रहा है ताकि उन्हें आवश्यक सुविधाएं मिल सकें। लोगों ने अपने घर खो दिए हैं। वे सड़क पर अपना जीवन व्यतीत रहे हैं।’’

भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को तत्काल तंबू, कंबल और खाद्य सामग्री की आवश्यकता है और कई गैर-सरकारी संगठन प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करने के लिए आगे आए हैं।

इस संबंध में एक शिविर आयोजक ने कहा, ‘‘हम उन लोगों को राहत प्रदान कर रहे हैं जो प्रभावित हुए हैं। व्यवस्था की गई है और लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है। आंकड़े इकट्ठे किए जा रहे हैं और सूची तैयार की जा रही हैं। हमने सभी जिलों में प्रभावित लोगों के लिए व्यवस्था की है।’’

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