जुकरबर्ग ने भारतीय दूरसंचार नियामक ट्राई के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपने फेसबुक पोस्ट में कहा, इंटरनेट.आर्ग ने कई पहल हैं और हम इसके लिए प्रयास करते रहेंगे जब तक इंटरनेट तक पहुंच न हो जाए। नेट निष्पक्षता का समर्थन करते हुए दूरसंचार नियामक ट्राई ने कल कंटेंट के आधार पर इंटरनेट सेवाओं के शुल्क में भेदभाव को प्रतिबंधित कर दिया है जो फेसबुक की विवादास्पद फ्री बेसिक्स और एेसी अन्य योजनाओं के लिए बड़ा झटका है।
विशेषज्ञो ने फेसबुक की फ्री बेसिक्स योजना की काफी आलोचना की थी। आरोप हैं कि फ्री बेसिक्स जैसी योजनाएं इंटरनेट की आजादी को सीमित करती हैं। जुकरबर्ग ने कहा, आज भारत के दूरसंचार नियामक ने इंटरनेट की मुफ्त पहुंच मुहैया कराने से जुड़े कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इससे इंटरनेट.ओआरजी की पहल में से एक फ्री बेसिक्स और अन्य संगठनों के कार्यक्रम बाधित होते हैं जो मुफ्त इंटरनेट मुहैया कराते हैं।
जुकरबर्ग ने दावा किया कि दुनिया भर में इंटरनेट.ओआरजी के जरिए फेसबुक के प्रयास के कई लोगों की जिंदगी बेहतर हुई है। उन्होंने कहा, भारत में इंटरनेट संपर्क बढ़ाना महत्वपूर्ण लक्ष्य है और हम प्रयास नहीं छोड़ेंगे क्योंकि भारत में एक लाख से अधिक लोगों के पास इंटरनेट की पहुंच नहीं है। जुकरबर्ग ने दावा किया कि लोगों को इंटरनेट से जोड़कर गरीबी से बाहर निकाला जा सकता है, करोड़ों रोजगार पैदा किए जा सकते हैं और शिक्षा के मौकों का विस्तार किया जा सकता है। हम इन लोगों की परवाह करते है और इसीलिए हम उनसे जुड़ने के लिए इतने प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य है दुनिया को और खुला तथा एक दूसरे से जुड़ा हुआ बनाना चाहते हैं। यह लक्ष्य बरकरार है और भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता भी। दुनिया में हर किसी के पास इंटरनेट की पहुंच होनी चाहिए।