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'बांग्लादेश की यात्रा ना करें...', हिंसा के बाद अलर्ट भारत सरकार, नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी

बांग्लादेश की राजधानी ढाका सहित कई शहर हिंसा की चपेट में हैं। बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना...
'बांग्लादेश की यात्रा ना करें...', हिंसा के बाद अलर्ट भारत सरकार, नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी

बांग्लादेश की राजधानी ढाका सहित कई शहर हिंसा की चपेट में हैं। बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहा प्रदर्शन हिंसक रूप ले चुका है। इसका नतीजा ये हुआ है कि अभी तक हिंसक झड़पों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। इस्तीफे की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ आवामी लीग के समर्थकों के बीच रविवार (4 अगस्त) को हुई झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। शेख हसीना सरकार ने रविवार शाम 6 बजे से अनिश्चितकालीन राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की है। बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन और हिंसा को देखते हुए भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों से खास अपील की है। भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी गई है।

बांग्लादेश में हो रही हिंसा को लेकर भारत ने बांग्लादेश में मौजूद अपने सभी नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की। नागरिकों से कहा गया है कि वे हिंसाग्रस्त मुल्क में सावधानी बरतें और अपनी आवाजाही को जितना हो सकता है, उतना सीमित रखें। एडवाइजरी में नागरिकों से ये भी कहा गया है कि अगले आदेश तक वे बांग्लादेश की यात्रा करने से बचें। नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी हुए हैं।

विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया, "चल रहे घटनाक्रम के मद्देनजर भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक बांग्लादेश की यात्रा नहीं करने की सलाह दी जाती है। वर्तमान में बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को ज्यादा सावधानी बरतने, अपनी आवाजाही को सीमित करने और इमरजेंसी फोन नंबर्स के जरिए ढाका में भारतीय उच्चायोग के संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है।"

मंत्रालय की तरफ से इमरजेंसी नंबर भी जारी किए गए हैं, जो 8801958383679, 8801958383680, 8801937400591 हैं। अगर पड़ोसी देश में मौजूद किसी भी नागरिकों को किसी तरह की कोई परेशानी होती है, तो वह दिए गए नंबरों पर कॉल कर भारतीय उच्चायोग से संपर्क कर सकता है। हिंसा को देखते हुए एक हफ्ते पहले ही बांग्लादेश से कई सारे भारतीय छात्र भी देश लौटे हैं।

बता दें कि  पीएम शेख हसीना के लिए विरोध प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन गया है। शेख हसीना जनवरी में लगातार चौथी बार सत्ता में लौटीं हैं। बांग्लादेश में 15 साल से ज्यादा समय तक शासन कर रही हैं। ऐसे में हसीना की सरकार गिरने के संकेत भी नजर आ रहे हैं। सभी प्रदर्शनकारियों की एक ही मांग पर अड़े हैं शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा दें।

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