नए सुधारों के तहत, प्रार्थी कम से कम चार साल से स्थायी निवासी होना चाहिए और वह ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों को अपनाने को लेकर प्रतिबद्ध होना चाहिए। स्थायी निवासी होने संबंधी नई अनिवार्यता में मौजूदा अनिवार्यता से तीन साल अधिक समय है। संभावित नागरिकों को अंग्रेजी भाषा की परीक्षा पास करनी होगी जो ज्यादातर महिलाओं एवं बच्चों के सम्मान पर केंद्रित होगी। इसके अलावा इसमें बाल विवाह, महिला खतना और घरेलू हिंसा जैसे मामले भी होंगे।
नागरिकता परीक्षा में कोई प्रार्थी अधिकतम तीन बार अनुत्तीर्ण रह सकता है। फिलहाल, परीक्षा को लेकर इस प्रकार की कोई सीमा नहीं है। इसके अलावा नागरिकता परीक्षा में नकल या कोई अन्य फर्जीवाड़ा करने वाले प्रार्थी अपने आप ही अनुत्तीर्ण कर दिए जाएंगे। टर्नबुल ने इन बदलावों का जिक्र करते हुए जोर दिया कि ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता एक सौभाग्य की बात है जिसे लेकर आभारी होना चाहिए।
टर्नबुल ने कहा कि नागरिकता केवल उन लोगों को दी जाएगी जो ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों का समर्थन करते हैं, देश के कानूनों का सम्मान करते हैं तथा और बेहतर ऑस्ट्रेलिया के लिए मिलकर योगदान देने की दिशा में कड़ी मेहनत करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि नागरिकता हमारी राष्ट्रीय पहचान का केंद्र है। यह हमारे लोकतंत्र का आधार है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारा नागरिकता कार्यक्रम हमारे राष्ट्रीय हित में काम करे। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आर्थिक भागीदारी, सामाजिक सामंजस्यता और ऑस्ट्रेलियाई समुदाय में एकीकरण के लिए अंग्रेजी भाषा में निपुणता आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि ऐसा आचरण जो ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों से मेल नहीं खाता, उसे इस प्रक्रिया का हिस्सा माना जाएगा। पारिवारिक हिंसा या संगठित अपराध में संलिप्तता समेत आपराधिक गतिविधियां ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों से मेल नहीं खातीं।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की थी कि वह देश में बढ़ती बेरोजगारी से निपटने के लिए 95,000 से अधिक विदेशी कर्मियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले लोकप्रिय 457 कार्य वीजा को रद्द करेगा। इन विदेशी कर्मियों में बड़ी संख्या में भारतीय हैं। (एजेंसी)