गाजा पट्टी में इजराइल की बमबारी के बीच फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के लिए काम करने वाले कर्मचारियों ने रविवार को कहा कि वहां पर हालात बेहद खराब हैं। उन्होंने बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा बुजुर्गों के लिए खाद्यान्न, पानी और दवाओं की तत्काल आपूर्ति करने की अपील की।
‘यूएन रिलीफ एंड वर्क्स एजेंसी फॉर पेलेस्टाइन रिफ्यूजीस इन नियर ईस्ट’ (यूएनआरडब्ल्यूए) ने गाजा में फलस्तीनी शरणार्थियों के समर्थन में आपात अपील जारी कर कहा कि गाजा पट्टी में हिंसा में भारी वृद्धि का खामियाजा लाखों फलस्तीनी शरणार्थी भुगत रहे हैं।
गाजा के खान युनिस में यूएनआरडब्ल्यूए आश्रय गृह की प्रमुख राविया हलास ने एक वीडियो में कहा, “ कृपया गाजा को बचा लें। मैं आपसे विनती करती हूं, गाजा को बचाएं। यह मर रहा है।” यूएनआरडब्ल्यूए ने रविवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर यह वीडियो साझा किया है।
चरमपंथी समूह हमास ने पिछले शनिवार को इजराइल पर हमला कर दिया था और इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए इजराइल ने गाजा पर हवाई हमले शुरू कर दिए। इजराइली सेना ने उत्तरी गाजा में रह रहे 11 लाख फलस्तीनियों को दक्षिणी हिस्से में जाने को कहा है और हजारों परिवार गाड़ियों से जा रहे हैं या पैदल ही जा रहे हैं।
हलास ने कहा, “ऐसे बच्चे, बुजुर्ग और वयस्क हैं जिनकी मैं मदद नहीं कर सकती हूं। मैं आश्रय गृह की प्रमुख हूं और मैं उन्हें कुछ भी नहीं दे सकती हूं, न भोजन और न ही पानी।”
वीडियो में, हलास मदद के लिए एक भावनात्मक अपील करती हैं और आश्रय गृह में शरणार्थियों को जरूरी दवाएं और भोजन उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं होने की वजह से उनकी आवाज में हताशा और मायूसी स्पष्ट है।
उन्होंने वीडियो में कहा, “ अभी हम जिस स्थिति में हैं वह अप्रत्याशित है और इसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है।” हलास ने कहा कि 15,000 फलस्तीनी शरणार्थी आश्रय गृह में हैं और उनके पास न खाना है न पानी। उन्होंने कहा कि आश्रय गृह में मधुमेह से पीड़ित लोग हैं, विकलांग बच्चे हैं और कुछ ऐसे बच्चे हैं जो अब चेचक से पीड़ित हैं।
हलास ने कहा, “ थोड़ी ही देर में बिजली काट दी जाएगी। हमें नहीं पता कि हम उनकी जरूरतों को कैसे पूरा करें। वहां कुछ नहीं है।” उन्होंने कहा, “ वे भिखारी नहीं हैं। उनके पास अपना धन है, लेकिन हम सामान कहां से खरीदें? हालात आपदाकारी हैं।”
‘एक्स’ पर किए एक अन्य पोस्ट पर यूएनआरडब्ल्यू कर्मचारी अज्जाम ने कहा कि इन दिनों गाजा में सिर्फ रहना नहीं है, बल्कि संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कि नहाने के लिए थोड़ा पानी होना पांच सितारा होटल की सुविधा जैसा है जबकि मोबाइल फोन पूरी तरह से चार्ज हो, यह एक सपना बन गया है। उन्होंने कहा, ”रात भर लगभग हर 10 या 15 मिनट में बड़े पैमाने पर बमबारी होती है और इसी के साथ सूर्योदय होता है और बमबारी रात में और तेज हो जाती है।
‘हियर दिअर वाइस’ (उनकी आवाज सुनिए) हैश टैग के साथ यूएनआरडब्ल्यूए गाजा में काम करने वाले अपने कर्मचारियों के मायूसी से भरे संदेश और अपीलों को पोस्ट कर रहा है। यूएनआरडब्ल्यूए ने पहले बताया था कि सात अक्टूबर से अब तक 423,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। उनमें से 270,000 से अधिक ने यूएनआरडब्ल्यूए आश्रयगृहों में शरण ली है।