हांगकांग के आंदोलन में तेजी आने के साथ चीन के साथ पश्चिमी जगत की तनातनी भी बढ़ने लगी है। हांगकांग की नेता ने अमेरिका को चेताया है कि आंदोलन से निपटने के लिए उनकी सरकार के प्रयासों में वह किसी तरह का दखल न दे। उधर, एक आंदोलनकारी नेता से जर्मनी के विदेश मंत्री मुलाकात पर चीन ने आपत्ति जताई है और इसे अपनी संप्रभुता का अपमान माना है। अमेरिका के कई नेताओं ने आंदोलनकारियों को समर्थन दिया है।
पिछले 14 हफ्तों से चल रहा है आंदोलन
हांगकांग के लाखों लोग पिछले 14 हफ्तों से आंदोलन कर रहे हैं। हांगकांग के अपराधियों को चीन भेजने के संबंध में एक विधेयक पेश किए जाने पर यह आंदोलन भड़का। आज यह 1997 के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन हो चुका है। एक समझौते के तहत ब्रिटेन ने 1997 में ही हांगकांग को चीन के हवाले किया था। चीन के अधीन आने के बाद से ही हांगकांग के लोग स्वायत्तता घटने की शिकायतें करते रहे हैं। हाल के विधेयक को भी स्वायत्तता पर हमला माना गया। आंदोलन खत्म करने के लिए हांगकांग की सरकार ने विधेयक को वापस लेने की भी घोषणा की लेकिन आंदोलन हांगकांग की नेता और चीफ एक्जीक्यूटिव कैरी लैम को हटाने सहित कई और मांगों पर अड़े हैं।
आंदोलनकारियो से अमेरिका से अपील
प्रदर्शनकारी रविवार को सड़कों पर उतर आए और लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को समर्थन देने के लिए कांग्रेस (अमेरिकी संसद) से विधेयक पारित करने की मांग करने के लिए अमेरिकी कांसुलेट की ओर मार्च करने लगे। प्रस्तावित कानून से हांगकांग का विशेष व्यापार दर्जा प्रभावित हो सकता है। अधिकारी नियमित रूप से जांच कर सकते हैं कि अधिकारी मूल अधिकारों का सम्मान कर रहे हैं या नहीं।
हांगकांग की प्रमुख ने चेतावनी दी
लेकिन हांगकांग की चीन समर्थक चीफ एक्जीक्यूटिव कैरी लैम ने कहा कि अमेरिका के साथ आर्थिक रिश्तों में कोई भी बदलाव होने से दोनों पक्षों के फायदों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि हांगकांग के आंतरिक मसलों पर किसी तरह का बाहरी दखल अनुचित है।
अमेरिकी नेता आंदोलनकारियों के समर्थन में
अमेरिका में सत्ता पक्ष और विरोधी दलों के नेता लोकतांत्रिक आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं। चीन के साथ ट्रेड वार में उलझे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि राजनीतिक संकट का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाना चाहिए। उन्होंने आंदोलन को कुचलने के लिए चीन से हिंसक तरीके न अपनाने की अपील की है।
आंदोलनकारी से जर्मनी मंत्री की बैठक पर चीन नाराज
इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने हांगकांग के कार्यकर्ता जोशुआ वोंग की जर्मन के विदेश मंत्री हीको मास के साथ बर्लिन में मुलाकात पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे चीन की संप्रभुता का असम्मान बताया है।
आंदोलन के हालात बताए जर्मनी को
22 वर्षीय जोशुआ वोंग ने जर्मनी विदेशी के साथ अपनी मुलाकात की फोटो अपने ट्विटर एकाउंट पर डालकर मुलाकात की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने जर्मनी मंत्री के साथ आंदोलन की मौजूदा स्थिति और हांगकांग में स्वतंत्र चुनाव और लोकतंत्र के बारे में बात की।