पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को लेकर सोमवार को अहम दिन है। आज भारतीय डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव अहलूवालिया ने इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से मुलाकात की। 2016 में पाकिस्तान के द्वारा की गई कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब जाधव को कांसुलर एक्सेस मिला है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शाम को एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि भारतीय राजनयिक ने कुलभूषण से मुलाकात की। यह स्पष्ट था कि वे अत्यधिक दबाव में थे। उन पर पाक के झूठे दावे को सही साबित करने का दबाव दिखाई दे रह था।
पाकिस्तान के औपचारिक रूप से कांसुलर एक्सेस दिए जाने के बाद इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया और रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर के बीच सब-जेल में मुलाकात हुई है। जाधव से मिलने से पहले वरिष्ठ भारतीय राजनयिक ने विदेश मंत्रालय में पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल से मुलाकात की।
पाकिस्तान ने स्वीकार किया था प्रस्ताव
बता दें कि पाकिस्तान ने सोमवार को कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस देने का प्रस्ताव दिया। सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत ने सोमवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय में सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को कांसुलर एक्सेस देने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। पाकिस्तान के प्रस्ताव जिसमें कहा गया था कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से मुलाकात के लिए भारत को कांसुलर एक्सेस दो सितंबर को देगा, के एक दिन बाद यानी सोमवार को भारत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
भारत की तरफ से एक सरकारी सूत्र ने कहा कि हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान सही माहौल सुनिश्चित करेगा ताकि बैठक स्वतंत्र, निष्पक्ष, सार्थक और प्रभावी हो।
पाकिस्तान के इस प्रस्ताव पर भारत ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि भारत चाहता है कि जाधव को बिना किसी निगरानी के कॉन्सुलर एक्सेस मिले। कुलभूषण जाधव को दूतावास मदद की इजाजत देने के पाकिस्तान के वादे के करीब 6 हफ्ते बाद इस्लामाबाद की ओर से गुरुवार को कहा गया था कि इस मुद्दे पर वह भारत से संपर्क में है।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा था कि कांसुलर संबंधी विएना संधि, आइसीजे के फैसले और पाकिस्तानी कानूनों के अनुरूप भारत को जाधव से मिलने के लिए कांसुलर एक्सेस देगा। रिटायर्ड भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव पर जासूसी का आरोप लगाते हुए पाकिस्तान ने मौत की सजा सुनाई थी।
भारत कहता रहा है, जाधव को गलत फंसाया गया
भारत लगातार जासूसी के आरोपों का खंडन करता रहा है। भारत का कहना है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया, जहां वह नौसेना से रिटायर के बाद व्यापारिक गतिधियों में लगे थे। उन्हें पाकिस्तान ने गलत तरीके से फंसाया है। भारत ने पाकिस्तान से कुलभूषण जाधव को भयमुक्त करने के साथ सामान्य माहौल में फ्री कांसुलर एक्सेस की मांग की थी।
बता दें कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद भारत ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का रुख कर सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव की दोषसिद्धि और सजा की प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार करने का आदेश दिया था। साथ ही, बगैर और देर किए उन्हें दूतावास मदद पहुंचाने को भी कहा था।
आइसीजे ने कुलभूषण की फांसी की सजा की थी निलंबित
गौरतलब है कि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आइसीजे) के ने कुलभूषण की फांसी की सजा निलंबित कर दी थी। कोर्ट के अध्यक्ष जस्टिस अब्दुलकावी अहमद यूसुफ ने कहा था कि जब तक पाकिस्तान प्रभावी ढंग से फैसले की समीक्षा और उस पर पुनर्विचार नहीं कर लेता, फांसी पर रोक जारी रहेगी।