एेसी संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन से पहले शनिवार को समुद्र किनारे स्थित परिसर में होने वाली द्विपक्षीय बैठकों की श्रृंखलाओं में भी पुतिन और शी के समक्ष यह मामला उठाएंगे।
पाकिस्तान आधारित आतंकवादियों के उरी में हमला करने के कुछ ही सप्ताह बाद यह शिखर सम्मेलन हो रहा है। एेसे में भारत इस सम्मेलन में अत्यंत जोरदार तरीके से अपनी मांग रखेगा। इस शिखर सम्मेलन के दौरान बिम्सटेक विस्तारित बैठक भी होगी ताकि आतंकवादियों को पनाहगाह एवं हथियार मुहैया करा रहे देशों के खिलाफ कार्रवाई समेत आतंकवाद से निपटने के प्रयासों को तेज किया जा सके।
भारत ने सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन के मामले पर यूएनजीए के साथ-साथ जी-20 में भी मजबूती से अपनी बात रखी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बिम्सटेक के साथ मिलकर एक विस्तारित शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जिसमें बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड हिस्सा लेंगे।
उन्होंने अब तक के पहले ब्रिक्स-बिम्सटेक विस्तारित शिखर सम्मेलन के बारे में कहा, लगभग दो तिहाई मानवता का प्रतिनिधित्व करते हुए, हम सहयोग की संभावनाओं का दोहन करने और इसके लाभ हासिल करने की उम्मीद करते हैं। भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पुतिन की यात्रा रूस के साथ बेमिसाल विश्वसनीय मैत्री और साझेदारी को मजबूत करने और पुन: दोहराने का अवसर देगी।
ब्राजील को एक अहम रणनीतिक साझेदार बताते हुए मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति माइकल टेमर की यात्रा उस देश के साथ सहयोग के कई नए क्षेत्र खोलेगी। उन्होंने कहा, इस साल ब्रिक्स के अध्यक्ष के रूप में भारत ने व्यापार, खेल, शिक्षा, फिल्म, छात्रवृत्ति और पर्यटन समेत विभिन्न क्षेत्रों में जनता के जनता से संपर्कों को बढ़ावा देने पर भारी जोर दिया है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 15-16 अक्तूबर को गोवा में आयोजित किया जाएगा। इसके बाद ब्रिक्स-बिम्सटेक विस्तारित शिखर सम्मेलन होगा। भाषा एजेंसी