तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण में मंगोलिया से यहां पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाई के साथ राष्ट्रपति भवन चेओंग वाई देई में विभिन्न मुद्दों पर व्यापक बातचीत की।
दक्षिण कोरिया ने माना कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के शामिल होने से वैश्विक परमाणु अप्रसार प्रयासों को मजबूती मिलेगी। दक्षिण कोरिया ने एनएसजी समेत चार बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण संगठनों में शीघ्र सदस्यता हासिल करने के भारत के प्रयास का समर्थन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुएन-हाई ने परमाणु अप्रसार तथा चार बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण संगठनों -परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी), मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल दायरा, आस्ट्रेलिया ग्रुप और वास्सेनार एरंजमेंट से जुड़ने की भारत की कोशिश समेत विविध मुद्दों पर चर्चा की।
राष्ट्रपति पार्क के साथ शानदार बातचीत के बाद मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम द्विपक्षीय संबंधों को उन्नत बनाकर इसे विशेष रणनीतिक भागीदारी के स्तर पर ले जाने को सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा, हमने संबंधों की ऐसी आधारशिला रखी है जो दो साझा मूल्य वाले प्रमुख एशियाई देशों के बीच होनी ही चाहिए। उन्होंने कहा कि आज जो निर्णय किए गए, वे इस बात को प्रतिबिंबित करते है कि दोनों देश संबंधों की नई व्यवस्था को कितनी गंभीरता से रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जापान के बाद दक्षिण कोरिया दूसरा देश है जिसके साथ भारत की राजनयिक और सुरक्षा वार्ता 2 और 2 के प्रतिरूप में होगी। उनका तात्पर्य दोनों पक्षों के बीच विदेश और रक्षा मंत्रिायों के स्तर की नियमित वार्ताओं की व्यवस्था से था। मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच नियमित सहयोग होगा। साथ ही दोनों देश अपने सशस्त्र बलों के बीच सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा, हम चाहते है कि रक्षा प्रौद्योगिकी तथा भारत में रक्षा उपकरणों के विनिर्माण के क्षेत्र में हमारा सहयोग बढ़े। यह क्षेत्र भारत में व्यापक अवसरों की पेशकश करता है।
दोनों पक्षों ने सात समझौतों पर हस्ताक्षत किए। इनमें दोहरे कर से बचाव और आय पर करों के संदर्भ में कर चोरी निरोधक संधि, दोनों देशों की राष्ट्री सुरक्षा परिषदों के बीच एमओयू (सहमति पत्र), जहाजरानी एवं परिवहन पर एमओयू शामिल हैं।