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भारत जल्द ही पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा: ब्रिक्स ‘बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग’ को संबोधित करते हुए बोले मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत जल्दी ही पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा और वह...
भारत जल्द ही पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा: ब्रिक्स ‘बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग’ को संबोधित करते हुए बोले मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत जल्दी ही पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनेगा और वह आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया की वृद्धि का इंजन होगा।

मोदी ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स ‘बिजनेस फोरम लीडर्स डायलॉग’ को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘मिशन-मोड’’ में किए गए सुधारों ने भारत में कारोबार सुगमता को बेहतर बनाया है। उन्होंने उद्योगपतियों को देश की विकास यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।

डिजिटल लेनदेन के मोर्चे पर भारत की प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के लिए ‘यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस’ (यूपीआई) का इस्तेमाल करने की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) एक साथ मिलकर वैश्विक कल्याण खासतौर से ‘ग्लोबल साउथ’ में अहम योगदान दे सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी इस समय ब्रिक्स समूह के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर हैं। ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका की सदस्यता वाले समूह ब्रिक्स का यह वर्ष 2019 के बाद पहला ऐसा सम्मेलन है जिसमें सभी नेता व्यक्तिगत रूप से शामिल हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जल्द ही भारत पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत आने वाले वर्षों में पूरी दुनिया की वृद्धि का इंजन बनेगा।’’ उन्होंने कहा कि देश ने आपदाओं और कठिनाइयों को आर्थिक सुधार के अवसरों में बदल दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले कुछ वर्षों में मिशन के रूप में जिन सुधारों को आगे बढ़ाया है, उसने भारत में कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर बनायी है।’’

मोदी ने सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए प्रौद्योगिकी आधारित समाधान समेत अन्य सुधारों पर जोर देते हुए कहा कि भारत अब लालफीताशाही को हटाकर लाल कालीन बिछा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता के कारण निवेशक का भरोसा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों ने 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है।

कारोबारियों को भारत की विकास यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने रक्षा तथा अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों को निजी निवेश के लिए खोला है और साजोसामान लागत में कमी आने के कारण विनिर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत को सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया जैसे क्षेत्रों में वैश्विक विनिर्माण केंद्र (हब) बनाने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह जाहिर है कि इससे भारत में नवीनीकरण प्रौद्योगिकी के लिए एक बड़ा बाजार उत्पन्न होगा।’’

मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर भारत ने वित्तीय समावेशन की ओर एक बड़ा कदम उठाया है और ग्रामीण महिलाओं को इससे सबसे ज्यादा फायदा मिला है। उन्होंने कहा कि 360 अरब डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) हुआ है जिससे सेवा आपूर्ति में पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार और बिचौलिए कम हुए हैं।

यूपीआई मंच का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

 

मोदी ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और फ्रांस जैसे देश यूपीआई मंच में शामिल हो रहे हैं और ब्रिक्स देशों के साथ भी इस पर काम करने की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है जो भविष्य के नए भारत की मजबूत नींव रखेगा।

 

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