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भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता: रक्षा से लेकर चीन की सैन्य चाल तक दोनों देशों में इन मुद्दों पर हुई बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच चौथी 2+2 मंत्रिस्तरीय बातचीत सोमवार को हुई। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी...
भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता: रक्षा से लेकर चीन की सैन्य चाल तक दोनों देशों में इन मुद्दों पर हुई बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच चौथी 2+2 मंत्रिस्तरीय बातचीत सोमवार को हुई। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच यूएस-इंडिया 2+2 मंत्रिस्तरीय बातचीत वाशिंगटन में आयोजित की गई। वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने यूक्रेन सहित मौजूदा घटनाक्रमों पर चर्चा की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधियों के बीच इस क्षेत्र में अपने सहयोग की भी समीक्षा की।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "हमने क्रमशः अपने राज्य और रक्षा समकक्षों के साथ अलग-अलग बैठकें की हैं। हमें निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बिडेन द्वारा आभासी शिखर सम्मेलन के माध्यम से प्रदान किए गए मार्गदर्शन से लाभ हुआ है, जिसमें हम सभी उपस्थित थे।"

एस जयशंकर ने कहा कि एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी इंडो-पैसिफिक कैसे सुनिश्चित किया जाए, यह भी हमारे एजेंडे में था। हमने अफगानिस्तान में और उसके आस-पास की घटनाओं के बारे में बात की। हमारी बातचीत में भारतीय उपमहाद्वीप में हाल की घटनाओं को भी शामिल किया गया।

अमेरिका के बीच चौथी 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भाग लेना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। 2+2 प्रारूप का उद्देश्य हमारी साझेदारी को और अधिक एकीकृत बनाना है। ये तेजी से प्रासंगिक हो गया है क्योंकि हमारी साझेदारी का दायरा और तीव्रता लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हम वास्तव में इस बात पर जोर दे सकते हैं कि वस्तुतः कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जिस पर हम एक दूसरे के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं।

एस जयशंकर ने आगे कहा कि हमारी भागीदारी का महत्वपूर्ण केंद्र हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित है। हमने देखा है कि पिछले एक वर्ष में क्वाड ने तीव्रता से काम करते हुए नई ऊंचाई को छुआ है। इस संबंध में हमारी उपलब्धियों में व्यापक गूंज सुनाई दी है।

2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता में भारत-अमेरिका ने अपने बयान में कहा, मंत्रियों ने स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत के लिए अपने साझा दृष्टिकोण के अनुसरण में क्षेत्र में शांति और समृद्धि प्रदान करने के लिए क्वाड के लिए सकारात्मक और रचनात्मक एजेंडा विकसित करने पर पिछले साल की गई प्रगति का स्वागत किया।

भारत-अमेरिका ने बयान में कहा कि मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र, वैश्विक भलाई के लिए क्वाड को सशक्त बनाने के लिए नेताओं द्वारा घोषित पहलों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। टीके की डोज़, जलवायु परिवर्तन पर क्वाड वर्किंग ग्रुप में चर्चा का स्वागत है।

वहीं, वाशिंगटन डीसी में अमेरिका के साथ 2+2 वार्ता पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैंने अमेरिका के लोगों और वहां की कंपनियों से अनुरोध किया हैं कि वे भारत में आकर सह उत्पादन करें। उनका भारत में स्वागत है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बातचीत के बारे में कहा कि हम अमेरिकी कंपनियों के साथ सह-विकास और सह-उत्पादन की इच्छा व्यक्त करते हैं और अमेरिका की डिफेंस कंपनियों से यूपी और तमिलनाडु के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में और निवेश करने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि हम COMCASA (संचार संगतता और सुरक्षा समझौता) के कार्यान्वयन और BECA (बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते) के प्रभावी संचालन में भी प्रगतिशील हैं। राजनाथ ने कहा कि मैंने अमेरिका की कंपनियों को डिफेंस, एयरोस्पेस और मेक फॉर इंडिया एंड वर्ल्ड प्रोग्राम के लिए भी आमंत्रित किया है।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में डिफेंस स्पेस और डिफेंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डायलॉग के बारे में एग्रीमेंट, कई अन्य पहल और एग्रीमेंट जो चर्चा के चरण में हैं, उनमें सार्थक प्रगति हमारी सैन्य सहभागिता के दायरा को और बढ़ाने को लेकर हुई है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आगे कहते हैं कि भारत का डिपार्टमेंट और स्पेस और यूएसए का डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस के बीच 'स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस एग्रीमेंट' भी संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी इंडो पैसिफिक और हिन्द महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है। बैठक के दौरान हमने अपने पड़ोस और हिन्द महासागर क्षेत्र के हमारे आकलन को भी साझा किया है।

राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि एक दशक के अंदर अमेरिका से हमारी रक्षा आपूर्ति नगण्य से बढ़कर 20 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई। हम अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारत में निवेश करने और मेक इन इंडिया प्रोग्राम में सहयोग करने की अपेक्षा करते हैं।

उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद भारत-अमेरिका सैन्य संबंधों में बढ़ोतरी हुई है। संचार में उच्च क्षमता, जानकारी साझा करने और आपसी रसद समर्थन में वृद्धि देखी गई है। ये हमारी रक्षा साझेदारी में बढ़ोतरी के पैमाने का प्रतिबिंब है।

भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन ने कहा कि हम इस वर्ष के अंत में प्रशिक्षण और अभ्यास के माध्यम से साइबर स्पेस में भी अपना सहयोग बढ़ा रहे हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी सहयोग लगातार बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे बीच आज एक द्विपक्षीय 'स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस' एग्रीमेंट संपन्न हुआ है। यह अंतरिक्ष में अधिक जानकारी साझा करने और सहयोग में सहायक होगा।

लॉयड जेम्स ऑस्टिन ने कहा कि हम द्विपक्षीय रक्षा प्राथमिकताओं की एक श्रृंखला पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं, जिसमें गहन जानकारी साझा करना और औद्योगिक सहयोग शामिल है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि हमारी सेनाएं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।

वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक और संस्थान मिलकर सुरक्षित और प्रभावी कोविड वैक्सीन विकसित कर रहे हैं। हम ऑस्ट्रेलिया और जापान में अपने सहयोगियों के साथ क्वाड वैक्सीन साझेदारी के माध्यम से वैक्सीन को पूरे हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और सबसे पुराने लोकतंत्र के रूप में, हम अपने लोगों को अवसर, सुरक्षा, स्वतंत्रता और गरिमा प्रदान करने के लिए हर दिन एक साथ काम करते हैं। ब्लिंकन ने आगे कहा कि इन 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ताओं ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, हमने आज महत्वपूर्ण प्रतिबद्धताएं की हैं जो अंतरिक्ष और साइबर स्पेस सहित टेक्नोलॉजी इनोवेशन और सहयोग को आगे बढ़ाएंगे।

 

बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संयुक्त राज्य के राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ एक आभासी बैठक की, जिसमें दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति और भारत-प्रशांत क्षेत्र जैसे कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का व्यापक आदान-प्रदान किया। यह बैठक दोनों देशों के बीच 2+2 वार्ता से पहले हुई थी।

 

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