संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में क्यूबा की क्रांति के दिवंगत कमांडर को श्रद्धांजलि देने के लिए कल आयोजित विशेष स्मृति बैठक में कहा, फिदेल कास्त्रो वैश्विक मंच पर वाकई ऊंचा स्थान हासिल किया। उनके नेतृत्व में क्यूबा के लोगों ने बाय दबाव के बावजूद शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय विकास सफलताएं हासिल कीं। अकबरूद्दीन ने कहा कि क्यूबा ने ग्लोबल साउथ के मुद्दे को महत्वपूर्ण आवाज प्रदान किया और इसने ही भारत और क्यूबा को साथ लाया। इन वर्षों में दोनों देशों ने आर्थिक समानता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सामाजिक न्याय के पहलू को प्रोत्साहन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र में करीब से साथ मिलकर काम किया है।
क्षेत्रीय समूहों और देशों का प्रतिनिधित्व कर रहे तकरीबन 30 राजदूतों ने एक स्मृति बैठक में कास्त्रो और उनकी अमिट विरासत को श्रद्धांजलि दी। इस बैठक की अध्यक्षता संयुक्त राष्ट महासभा के अध्यक्ष पीटर थॉमसन ने की। वक्ताओं में रूस, दक्षिण अफ्रीका, ईरान और चीन के प्रतिनिधि थे जबकि पश्चिमी देशों से कोई प्रतिनिधि नहीं था