आरोप है कि ऐसी पढाई के बाद छात्र को द्वितीय श्रेणी की डिग्री प्राप्त हुई तथा इससे उन्हें वकील के रूप में अपने करियर में आमदनी का नुकसान झेलना पड़ा।
द संडे टाइम्स ने खबर दी कि विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय ने लंदन के उच्च न्यायालय में आवेदन देकर फैज सिद्दीकी के दावों को खारिज करने का अनुरोध किया लेकिन जस्टिस केर के पिछले सप्ताह के 18 पेज के फैसले में व्यवस्था दी गई कि आक्सफोर्ड को सवालों के जवाब देने होंगे।
विश्वविद्यालय के ब्रेसनोज कालेज से आधुनिक इतिहास की पढाई कर चुके सिद्दीकी ने इसके कर्मियों पर भारतीय राजशाही इतिहास पर उसके विशेषज्ञ विषय के पाठ्यक्रम की लापरवाहीपूर्ण पढाई कराने का आरोप लगाया।
इस पूर्व छात्रा के वकील रोजर मालालियु ने अदालत को बताया था कि वर्ष 1999-2000 शैक्षणिक वर्ष में एशियाई इतिहास के सात में से चार कर्मियों के उसी समय छुट्टी में जाने से समस्या बढ गई।
सिद्दीकी का मानना है कि अगर उन्हें कम ग्रेड नहीं मिले होते तो उनका अंतरराष्ट्रीय कारोबारी वकील के रूप में बहुत शानदार करियर होता और अंतत: उन्होंने कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला किया। भाषा
Indian student filed case against oxford universities