उड़ी में सैन्य शिविर पर किए गए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से पीओके में किए गए लक्षित हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों ही देश सीमा पर मुस्तैदी दिखाने के साथ ही कुटनीतीक स्तर पर भी अपने लिए समर्थन हासिल करने के प्रयास कर रहे हैं। व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर दोनों ही देशों के खिलाफ अलग-अलग याचिका दायर की गई है। पाकिस्तान के खिलाफ याचिका पहले ही दायर की गई थी जिसके समर्थन में लोगों के बहुत कम समय में रिकॉर्ड हस्ताक्षर आ गए। वहीं बाद में भारत के विरुद्ध भी एक याचिका दायर की गई जिसमें दावा किया गया कि भारत अपने पड़ोसी देशों में आतंकवाद फैलाने में शामिल है। हालांकि इस बीच व्हाइट हाउस ने पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक देश घोषित करने की मांग वाली याचिका पर हस्ताक्षर स्वीकार करना बंद कर दिया है। इस याचिका पर कुछ दिनों के भीतर रिकॉर्ड पांच लाख हस्ताक्षर आ गए थे जो ओबामा प्रशासन से जवाब हासिल करने के लिए हस्ताक्षरों की जरूरी संख्या से पांच गुना अधिक है।
व्हाइट हाउस ने कल कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ दायर याचिका को संग्रहित कर दिया गया है क्योंकि इसने हस्ताक्षर संबंधी जरूरतों को पूरा नहीं किया। याचिका पन्ने पर इसके बारे में क्लोज्ड पीटिशन लिखा है। आमतौर पर इस तरह की याचिका पर हस्ताक्षर करने का विकल्प एक महीने तक उपलब्ध रहता है। हालांकि ऐसा लगता है कि कुछ हस्ताक्षरों ने भागीदारी की शर्तों को पूरा नहीं किया होगा, जिसके बाद इस पर रोक लगाई गई। पाकिस्तान के खिलाफ यह याचिका एक व्यक्ति ने 21 सितम्बर को तैयार की थी। उसने अपनी पहचान आरजी बताई थी। याचिका पर व्हाइट हाउस के जवाब के लिए 30 दिनों में एक लाख हस्ताक्षर की जरूरत थी, लेकिन यह आंकड़ा एक सप्ताह के भीतर ही पूरा हो गया।