अफगानिस्तान पर नियंत्रण के बाद तालिबान अपनी सरकार बनाने की तैयारी कर रहा है। आने वाले सप्ताह में उम्मीद जताई जा रही है कि तालिबान अपनी सरकार का गठन कर लेगा। लेकिन उनकी ओर से कई प्रकार के वादे के बावजूद दुनियाभर के अधिकतर देश पूरी तरह से तालिबान पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं। अब ईरान ने भी कहा है कि अफगानिस्तान में चुनी हुई सरकार बने।
ईरान के राष्ट्रपति देश के भविष्य को निर्धारित करने के लिए अफगानिस्तान में चुनाव का आह्वान कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि पश्चिमी सैनिकों के जाने के बाद शांति लौट आएगी।
शनिवार को स्टेट टीवी पर बोलते हुए, इब्राहिम रायसी ने कहा कि अफगान लोगों को अपनी सरकार निर्धारित करने के लिए "जितनी जल्दी हो सके" मतदान करना चाहिए।
उन्होंने कहा, "वहां एक सरकार बनाई जानी चाहिए जो वोटों और लोगों की इच्छा से चुनी जाए।"
उन्होंने कहा, "इस्लामिक गणराज्य ने हमेशा अफगानिस्तान में अमन और चैन की मांग की है, और रक्तपात और भातृघात को समाप्त करने और लोगों की इच्छा की संप्रभुता की मांग की है।" उन्होंने कहा कि वे अफगान लोगों द्वारा चुनी गई सरकार का समर्थन करते हैं।
बता दें कि अफगानिस्तान के ज्यादातर प्रांतों पर इस समय तालिबान का कब्जा है, जबकि इकलौता प्रांत पंजशीर अहमद मसूद और पूर्व राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के कब्जे में होने की बात चल रही है। शुरुआती वक्त में बातचीत होने के बाद पिछले कुछ दिनों में पंजशीर में भीषण टकराव जारी है। तालिबानी लड़ाके जहां इसे कब्जे में लेने की पुरजोर कवायद कर रहे हैं। वहीं मसूद और सालेह किसी भी कीमत पर पिछे हटने को तैयार नहीं हैं।