ईरान ने इराक में अमेरिका के दो सैनिक ठिकानों पर एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलें दागी हैं। पेंटागन ने कहा कि ईरान ने इरबिल और अल असद इलाके में मौजूद उस एयरबेस को निशाना बनाया जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं। इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि नुकसान और हताहतों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। ईरानी मीडिया में दावा किया जा रहा है कि ईरान के ताजा मिसाइल हमलों में 80 लोगों की मौत हुई है। दूसरी ओर इराकी सेना का कहना है कि हमले में कोई भी हताहत नहीं हुआ है। ईरान की इस कार्रवाई के बाद सर्वोच्च नेता आयतुल्ला खुमैइनी ने इसे अमेरिका के मुंह पर तमाचा बताया है। वहीं दोनों देशों के बीच तनाव को लेकर अब इजरायल का बयान सामने आया है। इजरायल ने ईरान को सख्त शब्दों में धमकी दी है।
अमेरिका से तनाव के बीच ईरान को अब इजरायल ने दी धमकी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ईरान की सेना ने इजरायल पर हमला किया तो उन्हें करारा जवाब मिलेगा। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नेतान्याहू ने कहा कि ईरान ने हमले की सोची तो उन्हें जवाबी हमले में 'गहरा आघात' लगेगा। दरअसल, इजरायल को अमेरिका का मित्र देश माना जाता है। हालांकि, हाल के दिनों में अमेरिका-ईरान के बीच बढ़े तनाव को लेकर इजरायल की तरफ से कोई बड़ा बयान सामने नहीं आया था। लेकिन अब जिस तरह से इजरायल ने सख्त लहजे में ईरान को चेताया है ये बेहद अहम माना जा रहा।
खामेनेई बोले- अमेरिका के मुंह पर करारा तमाचा
इससे पहले ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने कहा है कि अमेरिका, इजराइल और पश्चिम का घमंडी सिस्टम ईरान का दुश्मन है। ईरान की यह सैन्य कार्रवाई अमेरिका के मुंह पर करारा तमाचा है। उन्होंने कहा कि पिछली रात अमेरिका के मुंह पर करारा तमाचा पड़ा है। खामनेई देश के सरकारी टीवी चैनल पर आवाम को संबोधित कर रहे थे। वहीं, ईरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी के एक सहायक ने कहा कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद हुई किसी भी अमेरिकी जवाबी कार्रवाई से मध्य पूर्व में युद्ध छिड़ सकता है।
ट्रंप ने दूसरे मुल्क के नेताओं से की बात
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ बैठक की है जिसमें विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर मौजूद थे। हालांकि, इस बैठक को लेकर अमेरिका की ओर से अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। व्हाइट हाउस की मानें तो राष्ट्रपति ट्रंप ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हदम अल थानी से इराक और ईरान के मसले पर चर्चा की। यही नहीं ट्रंप ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को भी फोन करके पश्चिम एशिया और लीबिया में सुरक्षा हालातों पर बातचीत की।
ट्रंप ने कहा- सब ठीक है,कल दूंगा बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी बलों के ठिकाने पर हुए ताजा हमले पर दुख जताया है। व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। ट्रंप को ईरान के हमले के बारे में जानकारी दी गई है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि सब ठीक है... ईरान ने इराक में दो सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए हैं। हमले में हताहतों की संख्या का आकलन किया जा रहा है। हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। मैं कल सुबह बयान दूंगा।
ईरान बोला- बदला हुआ पूरा
ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने अमेरिकी बलों पर किए गए ताजा हमले को आत्मरक्षा में उठाया गया कदम बताते हुए कहा है कि इससे कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला पूरा हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि हम तनाव बढ़ाना या युद्ध नहीं चाहते हैं लेकिन किसी भी हमले से अपनी रक्षा जरूर करेंगे। हम आत्मरक्षा के अंतरराष्ट्रीय कानूनों पर अमल करेंगे।
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी बलों को वापस जाने को कहा
इस बीच इराक में लड़ रहे ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ने अमेरिकी बलों को क्षेत्र से वापस जाने के लिए कहा है। ईरानी सैन्य बल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हम अमेरिका के सभी साथियों को चेतावनी देते हैं कि वे एक आतंकी सेना को अपने बेस इस्तेमाल न करने दें। खासकर इराक के संदर्भ में कहा गया है कि यदि क्षेत्र का कोई मुल्क अपनी धरती को ईरान के खिलाफ हमले में इस्तेमाल होने देता है तो उसको भी निशाना बनाया जाएगा।
हमले में हुए नुकसान का पेंटागन कर रहा आकलन
समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले के तुरंत बाद अमेरिका के मिलिट्री जेट्स हरकत में आ गए और आसमान में उनकी हलचल देखी गई। पेंटागन ने बुधवार को हुए ताजा ईरानी हमले के बाद कहा कि वह हमले में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने बताया कि ईरान की ओर से दागी गई मिसाइलों ने इराक में अल-असद और एरबिल स्थित कम से कम दो इराकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाया जहां अमेरिकी सेना और उसके सहयोगी बल ठहरे हुए हैं।
अमेरिका की विपक्षी पार्टी ने किया विरोध
अमेरिका ने कुर्दिस्तान से भी बातचीत की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा कि पोंपियो ने कुर्दिस्तान की क्षेत्रीय सरकार के प्रधानमंत्री मसरूर बारजानी को फोन किया और ईरान के मिसाइल हमले पर बात की। इस बीच अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी ने ईरान के साथ बढ़ते तनाव के लिए ट्रंप को दोषी माना। अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इराक और ईरान में आज जो कुछ भी हो रहा है, उसका अनुमान लगाया जा सकता था। यही नहीं उन्होंने जनरल सुलेमानी की हत्या का आदेश देने के फैसले की निंदा की।
सुलेमानी को मारने के बाद ईरानी सेना के प्रमुख ने दी थी धमकी
पिछले हफ्ते बगदाद हवाईअड्डे पर अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक में ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद ईरान ने अमेरिका से बदला लेने की धमकी दी थी। ईरान की धमकी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने बयान जारी कर उसे ऐसा नहीं करने की हिदायत दी थी। साथ ही कहा था कि ईरान के 52 सांस्कृतिक धरोहरें उसके निशाने पर हैं। वहीं ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख हुसैन सलामी ने अमेरिका के समर्थन वाले स्थानों को आग के हवाले करने की धमकी दी थी।