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डोकलाम विवाद पर भारत को जापान का साथ मिलने से चीन हुआ नाराज

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, "मैं जानती हूं कि जापान के राजदूत भारत को समर्थन देना चाहते हैं। मैं उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि उन्हें तथ्यों को जांचे बिना ऐसे ही टिप्पणी करने से बचना चाहिए।"
डोकलाम विवाद पर भारत को जापान का साथ मिलने से चीन हुआ नाराज

डोकलाम में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के अड़ियल रुख पर जापान के भारत को समर्थन देने पर चीन ने नाराजगी जाहिर की है। चीन ने कहा है कि भले ही जापान भारत को समर्थन देना चाहता है, लेकिन उसे भारत और चीन के बीच जारी तनाव पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में भारत में जापान के दूतावास ने भारत का समर्थन करते हुए कहा था कि विवादित इलाके में पूर्व की स्थिति को बदलने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। जापान ने कहा कि इस मामले में बल का इस्तेमाल न करके बातचीत से मामला सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत भूटान के मामले में द्विपक्षीय समझौते के अनुसार ही डोकलाम मुद्दे में दखल दे रहा है।

जापान के राजदूत केंजी हीरामत्सू ने कहा है कि डोकलाम के मुद्दे पर करीब तीन महीने से दोनों देश के बीच तानातनी चल रही है। इसके वजह से पूरे क्षेत्र की शांति प्रभावित हो सकता है। हमारा देश इस मामले पर करीब से नजर बनाए हुए हैं। दोनों देश इस विवाद को शांतिपूर्वक सुलझा लेना चाहिए।

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, "मैं जानती हूं कि जापान के राजदूत भारत को समर्थन देना चाहते हैं। मैं उन्हें याद दिलाना चाहती हूं कि उन्हें तथ्यों को जांचे बिना ऐसे ही टिप्पणी करने से बचना चाहिए।" जापानी राजदूत द्वारा डोकलाम को विवादित क्षेत्र बताए जाने पर भी चीनी प्रवक्ता ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, "डोकलाम को लेकर कोई क्षेत्रीय विवाद नहीं है। इस इलाके में सीमा की पहचान हो चुकी है और दोनों ही पक्षों ने इसकी पुष्टि की है। पूर्व की स्थिति को बदलने की कोशिश भारत कर रहा है, चीन नहीं।"

बता दें कि जापान पहला देश है, जिसने चीन के साथ जारी विवाद में भारत का खुलकर समर्थन किया है। अमेरिका ने इस मुद्दे पर कहा था कि दोनों देशों को सीधी बातचीत के जरिए इस मामले को सुलझा लेना चाहिए। वहीं, चीनी प्रवक्ता ने दोहराया कि भारत को विवादित क्षेत्र से अपनी सेनाएं तुरंत हटा लेनी चाहिए।

गौरतलब है कि डोकलाम इलाके में चीन और भारत की सेनाएं बीते दो महीनों से आमने-सामने डटी हुई हैं। चीन चाहता है कि भारत एकतरफा इस इलाके से सेना हटाए। वहीं, भारत का कहना है कि दोनों देशों को अपनी सेनाएं वहां से हटानी चाहिए ताकि बातचीत दोबारा से शुरू की जा सके।

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