पत्रकार जमाल खशोगी के हत्यारों पर सऊदी अरब में ही मुकदमा चलेगा। यह बातें सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल अल जुबैर ने शनिवार को कही। हालांकि, जुबैर ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच में थोड़ा वक्त लगेगा। उन्होंने कहा, “जहां तक प्रत्यर्पण की बात है, तो वे सभी सऊदी नागरिक हैं। उन्हें सऊदी अरब में हिरासत में लिया गया है और यहीं जांच चल रही है। इसलिए सऊदी अरब में ही उन पर मुकदमा चलेगा।”
तुर्की ने की प्रत्यर्पण की मांग
जुबैर की तरफ से यह प्रतिक्रिया तुर्की की तरफ से आरोपियों के प्रत्यर्पण की मांग के बाद आई है। तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्डोगन ने शुक्रवार को खशोगी की हत्या में शामिल 18 लोगों के प्रत्यर्पण की मांग की थी। बता दें कि सऊदी सरकार के आलोचक रहे पत्रकार खशोगी की इसी महीने तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी दूतावास में हत्या कर दी गई थी।
लगभग तीन सप्ताह तक खशोगी के बारे में कुछ भी पता होने से इनकार करने के बाद रियाद ने उसकी हत्या की बात कबूली थी। लेकिन इस मामले में प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के शामिल होने की बात से इनकार किया था।
जुबैर ने कहा, “हम इस चुनौती से पार पा लेंगे। जैसा कि मैंने कहा मामले की जांच की जा रही है। हमें सच्चाई का पता चल जाएगा। मामले के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। हम ऐसा तंत्र बनाएंगे कि ऐसी घटना दोबारा न होने पाए।”
कौन था खशोगी
कभी सऊदी शाही परिवार के करीबी रहे खशोगी पिछले साल उस वक्त अति रूढ़िवादी सरकार के मुखर आलोचक बन गए, जब मोहम्मद सलमान को उत्तराधिकारी घोषित किया गया। स्तंभकार खशोगी अमेरिका में स्व-निर्वासन में चला गया और वहां द वाशिंगटन पोस्ट के लिए स्तंभ लिखा करता था। उनके स्तंभ में अक्सर प्रिंस की आलोचना होती थी। खशोगी को आखिरी बार दो अक्टूबर को तुर्की के सऊदी कंसुलेट में देखा गया था, जहां वह तुर्की की अपनी मंगेतर हेतिस सेंजिग के साथ शादी के लिए पेपरवर्क पूरा करने गए थे।