कोरोना वायरस के स्त्रोत का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) अगले सप्ताह अपनी एक टीम चीन भेजेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने सोमवार को दैनिक ब्रीफिंग में इस बात की जानकारी दी।
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि अब ये जानना बेहद जरूरी हो गया है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) आया कहां से है। डब्ल्यूएचओ ने साथ ही चेतावनी जारी कर कहा है कि अभी संक्रमण का इससे भी बुरा दौर आना बाकी है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ मई की शुरुआत से ही चीन को बार-बार कह रहा है कि वो उसके विशेषज्ञों को बुलाए, जो कोरोना वायरस के एनिमल सोर्स का पता लगाने में मदद करेंगे।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने यह भी कहा कि कोविड-19 संकट से जूझ रहे सभी देश आने वाले महीनों में सामान्य होंगे, क्योंकि दुनिया भर में महामारी पहले ही 10 मिलियन से अधिक लोगों को संक्रमित कर चुकी है, जिसमें 500,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने सोमवार को एक दैनिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि आने वाले महीनों में सभी देशों के सामने महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इस वायरस के साथ कैसे जीना है। संगठन के प्रमुख ने कहा कि हालांकि कई देशों ने कोविड-19 के खिलाफ कुछ प्रगति की है। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर महामारी तेजी से बढ़ रही है। डब्ल्यूएचओ ने साथ ही चेतावनी जारी कर कहा है कि अभी संक्रमण का इससे भी बुरा दौर आना बाकी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने कहा, "जब हमें वायरस के बारे में सब कुछ पता होगा तो हम उससे बेहतर तरीके से लड़ सकेंगे। इसमें ये पता लगाना भी शामिल है कि वो आया कहां से। हम अगले हफ्ते एक टीम इसके लिए चीन भेज रहे हैं और हमें उम्मीद है कि इससे वायरस की उत्पत्ति के बारे में समझने में मदद मिलेगी।" हालांकि उन्होंने ये साफ नहीं किया कि टीम में कौन-कौन होगा, न ही उन्होंने ये बताया कि विशेष रूप से उनका मकसद क्या होगा।