नई दिल्ली। विदेशी धरती पर घरेलू मुद्दे उछालने की वजह से आलोचना से घिरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब पिछली सरकारों की विदेश नीति पर निशाना साधा है। दो दिवसीय यात्रा पर दक्षिण कोरिया पहुंचे मोदी ने यूपीए सरकार की 'लुक ईस्ट' पॉलिसी पर चुटकी लेते हुए कहा कि पूरब की ओर देखने का नहीं, अब इस पर काम करने का समय है। हमने इसे बहुत देख लिया और अब वक्त है पूरब पर काम करने यानी 'एक्ट ईस्ट' का। गौरतलब है कि 'लुक ईस्ट' की अवधारणा सबसे पहले 90 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने दी थी। वाजपेयी सरकार ने भी इस नीति को प्रमुखता से आगे बढ़ाया। बाद ही सभी सरकारों की विदेश नीति में इसका अहम स्थान रहा है।
मोदी ने आज दक्षिण कोरिया राजधानी सियोल के क्यूंग ही विश्वविद्यालय में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे थे। मोदी ने कहा, पूर्व में नीति थी पूरब की ओर देखो। हमने पूरब की ओर बहुत देख लिया। अब हमें 'एक्ट ईस्ट' पालिसी यानी पूरब पर काम करना है। यह मेरी सरकार की विदेश नीति का प्रमुख तत्व है। उन्होंने विदेशों में बसे भारतीयों को स्वदेश लौटने और देश में निवेश करने का निमंत्राण देते हुए कहा कि पिछले एक साल में भारत के बारे में लोगों का मूड और धारणा बदल चुकी है।
गौरतलब है कि मोदी ने चीन यात्राा के दौरान शंघाई में उनकी विदेश यात्रााओं को लेकर विपक्ष की आलोचनाओं का करारा जवाब देते हुए कहा था कि कड़ी मेहनत करने के लिए उनकी आलोचना की जाती है। अगर अथक काम करना अपराध है तब वह एेसा करना जारी रखेंगे। इससे पूर्व जर्मनी, फ्रांस और कनाडा की यात्रााओं के दौरान भी मोदी ने पिछली सरकारों के तौर-तरीकों पर निशाना साधा था, जिसे लेकर विपक्ष ने उनकी तीखी आलोचना की थी।