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मोदी ने किया सरकारी तत्वों और परमाणु तस्करों के गठजोड़ के प्रति आगाह

पाकिस्तान पर परोक्ष निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन में कहा कि परमाणु तस्करों और आतंकियों के साथ मिलकर काम करने वाले सरकारी तत्व परमाणु सुरक्षा पर मंडराने वाला सबसे बड़ा खतरा हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस धारणा को भी छोड़ने की अपील की, जिसमें माना जाता है कि उसका आतंकी मेरा आतंकी नहीं है।
मोदी ने किया सरकारी तत्वों और परमाणु तस्करों के गठजोड़ के प्रति आगाह

हाल ही में ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमलों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हमले दिखाते हैं कि परमाणु सुरक्षा पर आतंकवाद के कारण मंडराने वाला खतरा कितना वास्तविक और तात्कालिक है। इसके साथ ही मोदी ने कहा कि सभी देशों को इस संदर्भ में अपने अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों का पूरी तरह पालन करना चाहिए।

मोदी ने आतंकवाद के उन तीन समकालीन पहलुओं को रेखांकित किया, जिन पर दुनिया को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। मोदी ने कहा कि आज का आतंकवाद चरमपंथी हिंसा का इस्तेमाल युद्धक्षेत्र की तरह करता है। उन्होंने कहा, दूसरा अब हम किसी गुफा में छिपे आदमी की तलाश नहीं कर रहे हैं, अब हमें उस आतंकी की तलाश है, जो शहर में मौजूद है और जो कंप्यूटर और स्मार्टफोन से लैस है। पाकिस्तान को स्पष्ट तौर पर निशाने पर लेते हुए मोदी ने कहा,  तीसरा, परमाणु तस्करों और आतंकियों के साथ मिलकर काम करने वाले सरकारी तत्व सबसे बड़ा खतरा पैदा करते हैं।

आतंकवाद के कारण दुनिया के सामने उपजे खतरे की व्यापकता को रेखांकित करते हुए मोदी ने कहा कि आतंकवाद विकसित हो गया है और आतंकी 21वीं सदी की तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन हमारी प्रतिक्रियाएं अब भी पुराने जमाने की हैं। दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन की औपचारिक शुरुआत के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से दिए गए रात्रिभोज के अवसर पर मोदी ने कहा कि आतंकवाद की पहुंच और आपूर्ति श्रृंखला वैश्विक है लेकिन देशों के बीच स्वाभाविक सहयोग (वैश्विक) नहीं है। उन्होंने कहा, यह धारणा छोड़ दीजिए कि आतंकवाद किसी और की समस्या है और उसका आतंकी मेरा आतंकी नहीं है।

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा, आतंकवाद का नेटवर्क वैश्विक तौर पर मौजूद है। लेकिन इस खतरे से निपटने के लिए हम अब भी राष्ट्रीय स्तर पर ही काम करते हैं। व्हाइट हाउस में रात्रिभोज के दौरान मोदी ओबामा से ठीक अगली सीट पर बैठे थे। इस भोज में 20 से ज्यादा देशों के प्रमुख शामिल थे। ये नेता चौथे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में शिरकत करने के लिए अमेरिका की राजधानी में आए हुए हैं।

मोदी ने कहा, परमाणु सुरक्षा एक बाध्यकारी राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सभी देशों को अपने अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों का पूरी तरह पालन करना चाहिए। परमाणु सुरक्षा पर अमेरिकी राष्ट्रपति की पहल के लिए उनकी सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि ओबामा की विरासत आगे तक बनी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा, परमाणु सुरक्षा को विशेष तौर पर रेखांकित कर ओबामा ने वैश्विक सुरक्षा के लिए बड़ा योगदान दिया है।

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