कोरोना वायरस का प्रकोप दुनियाभर में बढ़ता जा रहा है। अब इस वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 5,588,356 पहुंच गई है। जबकि 347,873 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है। फिलहाल सक्रिय मामलों की संख्या 2,874,764 है। वहीं 2,365,719 लोग ठीक भी हो चुके हैं।
अमेरिका में कोरोना से 98 हजार से ज्यादा मौतें
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार अमेरिका ने वायरस के 1662375 कुल मामलों के साथ #COVID19 से 532 मौतों का रिकॉर्ड बनाया है। कोरोना से मरने वालों की संख्या 98218 हो गई है, जो किसी भी देश में सबसे ज्यादा है।
ब्राजील में एक दिन में 807 मौतें
ब्राज़ील में पहली बार एक दिन के भीतर अमेरिका से ज़्यादा मौतें दर्ज की गई हैं। कल ब्राज़ील में कोरोना वायरस संक्रमण से 807 मौतें हुईं जबकि अमरीका में 620 लोगों की जान गई। कोरोना संक्रमण के मामले में ब्राज़ील इस समय 374,898 मामलों के साथ दुनिया में दूसरे नंबर पर है। राष्ट्रपति बोलसोनारो संक्रमण फैलने की ज़िम्मेदारी प्रांतीय गवर्नरों और शहरों के मेयरों पर डाल रहे हैं। बता दें कि राष्ट्रपति बोलसोनारों ने ब्राज़ील में लॉकडाउन लागू नहीं किया है। उनका मानना है कि अर्थव्यवस्था को रोक देने से लोग अधिक परेशान होंगे।
ब्रिटेन में 15 जून से गैर-जरूरी सामानों की दुकानें खुलेंगी
ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन में ढील देने के संबंधी नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि 15 जून के बाद से गैर-जरूरी सामान के खुदरा विक्रेता दुकानें खोल सकेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक सभी दुकानों को साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा और सामाजिक दूरी का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि आउटडोर मार्केट और कारों को शोरूम 1 जून से खोले जा सकते हैं। वहीं यूके स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीते चौबीस घंटों में कोरोना वायरस की वजह से 121 लोगों की जान गई है। यहां कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा अब 36,914 हो गया है।
डब्ल्यूएचओ ने हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन का क्लिनिकल ट्रायल रोका
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना संक्रमितों में हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन के उपयोग के बारे में जारी क्लिनिकल ट्रायल को फिलहाल अस्थायी तौर पर रोकने का फ़ैसला लिया है। संगठन के निदेशक डॉ. टेड्रॉस एडहॉनम गीब्रियेसुस ने कहा कि इस दवा के सुरक्षित इस्तेमाल के बार में डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड अध्ययन करेगा। साथ ही इस दवा से जुड़े दुनिया भर में हो रहे प्रयोगों का व्यापक विश्लेषण भी किया जाएगा। टेड्रॉस ने कहा कि आम तौर पर हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन और क्लोरोक्विन का इस्तेमाल मलेरिया के रोगियों और लुपस जैसे ऑटोइम्यून बीमारी के मामलों में किया जाता है। लेकिन कोरोना के मरीजों में इस दवा के सुरक्षित स्तेमाल को लेकर चिंता जताई जा रही है। उन्होंने साइंस जर्नल 'लैंसेट' में हाल में प्रकाशित एक अध्ययन का ज़िक्र किया और कहा कि इस स्टडी के मुताबिक कोरोना संक्रमितों के इलाज में जहां हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन दवाई दी जा रही है, वहां मौत का ख़तरा अधिक है।
सऊदी अरब में लॉकडाउन से ढील, मक्का में नहीं मिलेगी राहत
सऊदी अरब में गुरुवार से लॉकडाउन में राहत देने का निर्णय लिया गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार मक्का को छोड़कर पूरे देश से कर्फ्यू ख़त्म किया जा रहा है। हालांकि मक्का में कर्फ्यू समाप्त करने का निर्णय 21 जून से लागू होगा। साथ ही 31 मई के बाद से घरेलू उड़ानों पर लगी रोक और मस्जिदों में नमाज़ पर प्रतिबंध को भी हटा लिया जाएगा। लोगों को सार्वजनिक और निजी कंपनियों के दफ़्तरों में काम पर जाने की इजाजत भी होगी।
मक्का में कर्फ्यू का वक्त दोपहर तीन बजे से सुबह छह बजे तक रहेगा। 21 जून के बाद से मस्जिदों में नमाज़ पढ़ने की इजाजत होगी।