Advertisement

मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में गिरफ्तार

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से ब्लैक लिस्ट होने के खतरे  के बीच पाकिस्तान ने मुंबई हमले के...
मुंबई हमले का मास्टर माइंड हाफिज सईद पाकिस्तान में गिरफ्तार

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से ब्लैक लिस्ट होने के खतरे  के बीच पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जमात-उद-दावा के प्रमुख सईद को पाकिस्तान में काउंटर टेररिस्ट यूनिट ने बुधवार को लाहौर से गुजरांवाला जाते वक्त गिरफ्तार किया है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस गिरफ्तारी के संंबंध में जल्द ही अन्य जानकारी काउंटर टेरेरिस्ट यूनिट द्वारा साझा की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, सईद टेरर फंडिंग मामले में हिरासत में लिया गया। 3 जुलाई को हाफिज समेत जमात-उद-दावा के 13 नेताओं के खिलाफ एंटी-टेररिज्म एक्ट-1997 के तहत टेरर फंडिंग और मनी-लॉन्ड्रिंग जैसे करीब दो दर्जन मामले दर्ज किए गए थे।

कौन है सईद

सईद भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक है और उसे 26/11 को मुंबई में हुए हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार कोशिश कर यह दबाव बनाता रहा  है कि पाकिस्तान सईद  के खिलाफ सख्त कदम उठाए। इसी प्रयास में  सईद को संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित कर चुका है। अमेरिका ने भी उसे वैश्विक आतंकी माना है।

पाकिस्तान पर बदहाली का साया

यह कार्रवाई तब हुई है जब पाकिस्तान की आर्थिक हालत बहुत खस्ता है। आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान किसी भी तरह की पाबंदी झेल पाने की स्थिति में नहीं है। भारत कई दिनों से पाकिस्तान पर सईद पर कर्रवाई के लिए दबाव बना रहा था। पाकिस्तान को डर था कि यदि वह सईद पर कार्रवाई नहीं करता है तो, उसे फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) से ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है। इस्लामाबाद के सूत्रों ने पुष्टि की कि लश्कर-ए-तैयबा का एक अन्य प्रतिबंधित आतंकी संगठन सईद का सह-संस्थापक, जिसे पाकिस्तान में एक आतंकवाद-निरोधी अदालत में पेश होना था, उसे भी आतंकी फंडिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।

इसके पहले  लाहौर की एक आतंकवाद-निरोधी अदालत (एटीसी) ने सोमवार को मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और तीन अन्य को अपने मदरसा के लिए भूमि के कथित गैरकानूनी उपयोग से संबंधित मामले में पूर्व-गिरफ्तारी जमानत दे दी थी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
  Close Ad