Advertisement

बुध ग्रह से टकराया नासा का अंतरिक्ष यान

नासा का अंतरिक्ष यान मैसेंजर बुध ग्रह की सतह पर क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसके कारण इसके ऐतिहासिक 11 वर्षीय अभियान का अंत हो गया। इस अभियान ने ग्रह के बारे में महत्वपूर्ण आंकड़े और इसकी हजारों तस्वीरें उपलब्ध करवाई थीं।
बुध ग्रह से टकराया नासा का अंतरिक्ष यान

मेरीलैंड स्थित जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी अप्लाइड फीजिक्स लेबोरेटी में इस अभियान के नियंत्रणकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है कि मैसेंजर (मरकरी सरफेस, स्पेस एनवायरमेंट, जियोकेमिस्टी एंड रेंजिंग) नामक अंतरिक्ष यान भविष्यवाणी के मुताबिक गुरूवार को बुध की सतह से टकरा गया। मैसेंजर को तीन अगस्त 2004 को प्रक्षेपित किया गया था और इसने 18 मार्च 2011 को बुध की कक्षा में घूमना शुरू किया था। इस अंतरिक्षयान ने मार्च 2012 तक अपने प्राथमिक वैग्यानिक लक्ष्यों को पूरा कर लिया था।

चूंकि मैसेंजर की शुरूआती खोजों ने कुछ नए एवं महत्वपूर्ण सवाल उठाए थे और पेलोड भी अच्छी स्थिति में था, इसलिए इस अभियान को दो बार विस्तार दिया गया था। इस अंतरिक्ष यान ने बेहद कम ऊंचाई से अवलोकन करने, तस्वीरें खींचने और ग्रह के बारे में अभूतपूर्व जानकारी जुटाने के काम को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।पिछले माह जब इस अभियान को एक अंतिम लेकिन अल्पकालीन विस्तार दिया गया। इस दौरान अंतरिक्ष यान ने ग्रह के बेहद करीब यानी सतह से महज 5 से 35 किलोमीटर की ऊंचाई के बीच काम किया।

28 अप्रैल को इस टीम ने सात कक्षकों के पथ संशोधन के कार्य के तहत अंतिम संशोधन को भी सफलतापूर्वक अंजाम दे दिया था। इसके लिए मैसेंजर को एक अतिरिक्त माह के लिए हवा में रहना पड़ा था। यह अवधि महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने वाले किसी अंतरिक्ष यान के यंत्रों के लिए काफी ज्यादा थी। अंतत: मैसेंजर सूर्य के गुरूत्वीय खिंचाव के कारण अपने कक्षक में होने वाले विचलन का सामना नहीं कर सका और 8750 मील प्रति घंटा की गति से बुध की सतह से टकरा गया। इसके कारण 52 फुट गहरा एक नया गड्ढा वहां सतह पर बन गया।

मैसेंजर के प्रमुख जांचकर्ता और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के लेमंट-डोहर्टी अर्थ ऑब्जवर्टेरी के निदेशक सीन सोलोमन ने कहा, आज हम हमारे पड़ोसी ग्रहों के बारे में खोज करने वाले सबसे अधिक प्रवीण अंतरिक्ष यानों में से एक यान को विदा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारे यान ने सूर्य के निकटतम ग्रह के कक्षक में चार साल से भी ज्यादा समय बिताया और वहां की अत्यधिक गर्मी और अत्यधिक विकिरण को भी सहा। मैसेंजर की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने बताया, इसने बुध की सतह की संरचना का पता लगाया। इसके भौगोलिक इतिहास को उजागर किया और यह भी खोज की कि इसका आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र ग्रह के केंद्र से लंबवत दूरी पर है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad