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नेपाल के राष्ट्रपति ने की शांति की अपील, अंतरिम सरकार को लेकर गतिरोध जारी

नेपाल में भारी विरोध प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश में...
नेपाल के राष्ट्रपति ने की शांति की अपील, अंतरिम सरकार को लेकर गतिरोध जारी

नेपाल में भारी विरोध प्रदर्शनों के कारण प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। हालांकि, नेपाल की सेना कानून-व्यवस्था संभाल ली है। वहीं, सरकार चलाने के लिए अंतरिम प्रमुख के चयन को लेकर गतिरोध गुरुवार को भी जारी रहा।

राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शांति की अपील की और कहा कि उनका लक्ष्य संवैधानिक ढांचे के भीतर राजनीतिक संकट का समाधान खोजना है। संक्रमणकालीन सरकार के लिए राजनीतिक बातचीत जारी रहने के बावजूद, काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। सेना संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, सोमवार से शुरू हुए दो दिनों के हिंसक विरोध प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है।

सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे युवा नेतृत्व वाले जेन-जी के प्रतिनिधियों ने एक संक्रमणकालीन सरकार को अंतिम रूप देने के लिए शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठकें कीं। हालांकि, इस मुद्दे पर बातचीत में गतिरोध आ गया कि इसका नेतृत्व कौन करेगा।

नेपाल में प्रदर्शनकारी ‘जेन जी’ समूह के प्रतिनिधि बृहस्पतिवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल के साथ भद्रकाली स्थित सेना मुख्यालय में अंतरिम सरकार के नेता का नाम तय करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह, नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व सीईओ कुलमन घीसिंग और धरान के मेयर हरका संपांग उन लोगों में शामिल थे जिन्हें प्रदर्शनकारी जेन-जी समूह सरकार का नेतृत्व करने के लिए विचार कर रहा था।

अंतरिम नेता प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की जगह लेंगे, जिन्होंने छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक आंदोलन के बाद मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। 'जेन जी' वे युवा हैं जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ। सेना के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत जारी है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया।

सेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम विभिन्न हितधारकों के साथ कई दौर की बातचीत कर रहे हैं। बातचीत मुख्य रूप से मौजूदा गतिरोध से बाहर निकलने और साथ ही देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर केंद्रित है। बैठक के दौरान सेना मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में युवा बेसब्री से फैसला सुनने का इंतजार करते दिखे।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सोमवार को शुरू हुई हिंसा के बाद से, 25 से अधिक जेलों से 15,000 से ज़्यादा कैदी भाग चुके हैं। सेना ने गुरुवार को काठमांडू घाटी के तीन जिलों में निषेधाज्ञा बढ़ा दी, साथ ही कुछ निश्चित समयावधियों के लिए लोगों की आवाजाही की अनुमति भी दी, क्योंकि यह हिमालयी राष्ट्र धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट रहा है।

मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में पौडेल ने कहा कि वे सभी पक्षों से अपील करते हैं कि वे आश्वस्त रहें कि आंदोलनकारी नागरिकों की मांगों को पूरा करने के लिए समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जा रहा है। उन्होंने देश में संयम के साथ शांति और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने के लिए अपील की।

एक सेना प्रवक्ता ने पुष्टि की कि विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत जारी है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया। हालांकि सूत्रों ने बताया कि मेयर शाह ने कार्की के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है, लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि नए मंत्रिमंडल का नेतृत्व कौन करेगा। कुछ कार्यकर्ताओं ने कार्की के लिए समर्थन व्यक्त किया, जबकि अन्य ने घीसिंग का समर्थन किया।

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सोमवार और मंगलवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। मंत्रालय के मुताबिक, देश भर के अस्पतालों में 1,338 लोगों का इलाज चल रहा है, जबकि 949 को पहले ही छुट्टी दे दी गई है।

राष्ट्रपति पौडेल ने कहा कि वे लोकतंत्र की रक्षा करने और संवैधानिक ढांचे के भीतर मौजूदा राजनीतिक गतिरोध से बाहर निकलने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। साथ ही कानून-व्यवस्था भी बनाए रखने की दिशा में काम कर रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि मधेश प्रांत के रामेछाप जिला कारागार में गुरुवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में तीन कैदियों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। इन ताजा मौतों के साथ, मंगलवार से सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में मरने वाले कैदियों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।

काठमांडू पोस्ट अख़बार ने पुलिस के हवाले से बताया कि, जेल से भागने की शुरुआत तब हुई जब युवा प्रदर्शनकारियों ने कई जेलों पर धावा बोल दिया, प्रशासनिक भवनों में आग लगा दी और जेल के दरवाजे जबरन खोल दिए। बुधवार शाम तक, प्रारंभिक रिपोर्टों ने पुष्टि की कि 25 से ज़्यादा जेलों से 15,000 से ज़्यादा कैदी भाग गए थे।

GEN-Z समूह के कुछ नेताओं ने काठमांडू में एक प्रेस वार्ता आयोजित की, जहां उन्होंने कहा कि संसद को भंग किया जाना चाहिए और लोगों की इच्छा के अनुरूप संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए। उन्होंने बातचीत और सहयोग के जरिए समाधान निकालने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने पुराने राजनीतिक दलों को चेतावनी दी कि वे अपने निहित स्वार्थों के लिए उनका इस्तेमाल न करें। एक कार्यकर्ता ने कहा कि यह पूरी तरह से एक नागरिक आंदोलन है, इसलिए इसमें राजनीति करने की कोशिश न की जाए।

देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा व्यवस्था अपने हाथ में लेने वाली सेना ने चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों व संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उसके अनुसार ही निपटा जाएगा।

काठमांडू के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे प्रमुख दलों के छात्रों के एक छोटे समूह ने चेतावनी दी है कि नई सरकार के गठन के दौरान संविधान की रक्षा की जानी चाहिए और लोकतंत्र व मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। इमिग्रेशन विभाग ने एक नोटिस में कहा है कि जिन लोगों का वीज़ा 8 सितंबर के बाद समाप्त हो गया है और जो नेपाल में रह रहे हैं, वे बिना किसी शुल्क के निकास परमिट प्राप्त कर सकते हैं।

इसी तरह, उन विदेशी नागरिकों के लिए वीजा ट्रांसफर की भी आवश्यक व्यवस्था की गई है, जिन्होंने अशांति के दौरान अपना पासपोर्ट खो दिया था और अपने संबंधित दूतावासों से यात्रा दस्तावेज या आपातकालीन पासपोर्ट प्राप्त कर लिया है। नेपाल के केंद्रीय बैंक, नेपाल राष्ट्र बैंक ने सभी वाणिज्यिक बैंकों को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ग्राहकों के लिए सेवाएं जारी रखने का निर्देश दिया है। जेन-जेड समूह के विरोध प्रदर्शन के कारण बैंक बंद रहे।

नेपाल सेना ने काठमांडू से लगभग 60 किलोमीटर पूर्व में बनेपा नगर पालिका के नयाबस्ती क्षेत्र से बरामद आठ सॉकेट बमों को नष्ट कर दिया है। सुरक्षा बलों ने देश भर की विभिन्न जेलों से भागे 166 कैदियों को अपने नियंत्रण में ले लिया है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से 97 अवैध हथियार भी बरामद किए हैं. ये हथियार दंगों के दौरान सुरक्षाकर्मियों से कुछ लोगों द्वारा लूटे गए थे।

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