विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कल सुबह संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करेंगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक ट्वीट में कहा, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र में भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज न्यूयार्क पहुंचीं। इससे पहले शरीफ ने महासभा में अपने संबोधन के दौरान ज्यादा ध्यान कश्मीर पर ही केंद्रित रखा था। ऐसे में सुषमा से उम्मीद की जा रही है कि वह शरीफ के उस भाषण का कड़ा जवाब देंगी। हालांकि शरीफ के भाषण पर भारत ने जवाब के अधिकार का इस्तेमाल किया और पाकिस्तान को आतंकवाद की शरणस्थली तथा ऐसा आतंकी देश करार दिया, जो आतंकवाद का इस्तेमाल सरकारी नीति के तौर पर करते हुए युद्ध अपराधों को अंजाम देता है।
स्वरूप ने बताया कि पूरा विश्व और पूरा देश सुषमा स्वराज का संबोधन सुनने का इंतजार कर रहा है। वह 71वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए भारत का विजन दस्तावेज पेश करने वाली हैं। हालांकि उन्होंने सुषमा के संबोधन में शामिल बातों पर विस्तृत जानकारी नहीं दी लेकिन यह कहा कि पूरा विश्व और पूरा देश यह सुनने का इंतजार कर रहा है कि विदेश मंत्री क्या कहने वाली हैं। लेकिन मुझे लगता है कि मोटे तौर पर जिन मुद्दों को अकबरूद्दीन ने रेखांकित किया है, वह निश्चित तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के इस सबसे अहम मंच पर हमारे प्रतिनिधित्व का हिस्सा बनने वाले हैं।
इससे पहले कश्मीर की स्थिति पर शरीफ की ओर से लगाए गए आक्षेपों पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव ई. गंभीर ने कहा था, मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन आतंकवाद है। आतंकवाद का इस्तेमाल जब सरकारी नीति के तौर पर किया जाता है, तो यह युद्ध अपराध होता है। उन्होंने कहा मेरा देश और हमारे अन्य पड़ोसी, पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने वाली दीर्घकालिक नीति का सामना कर रहे हैं। इसके परिणाम हमारे क्षेत्र के पार तक फैले हुए हैं। गंभीर ने कहा था कि भारत पाकिस्तान को एक आतंकी देश के रूप में देखता है, जो अपने पड़ोसियों के खिलाफ आतंकियों के माध्यम से छद्म युद्ध छेड़ने के क्रम में आतंकी समूहों को प्रशिक्षण, वित्त पोषण और सहयोग देने के लिए अरबों डॉलर जुटाता है। इसका अधिकतर हिस्सा अंतरराष्ट्रीय मदद से आता है। अब सभी की निगाहें स्वराज के कल के भाषण पर टिकी हैं और उम्मीद की जा रही है कि वे पााकिस्तान के आरोपों का कड़ा जवाब देंगी।